Indore News: रामनवमी (Ramnavami) के दिन बेलेश्वर महादेव मंदिर (Beleshwar Mahadev Mandir) में हुए हादसे को लेकर इंदौर (Indore) हाई कोर्ट ने मंगलवार को जनहित याचिका पर सुनवाई की है. कोर्ट ने इंदौर कलेक्टर टी इलैया राजा और निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह से चार हफ्ते में जवाब तलब किया गया है. उनसे पूछा गया है कि इतने बड़े हादसे के बाद जिम्मेदार लोगों पर अपराधिक केस क्यों दर्ज नहीं किया गया है. अगली सुनवाई जून के दूसरे सप्ताह में की जाएगी.


दरअसल, इंदौर में रामनवमी के अवसर पर बेलेश्वर महादेव मंदिर में हवन के दौरान अचानक बावड़ी धंस जाने से 36 लोग की मौत हो गई थी. करीब 18 लोग घायल हुए थे. इसी बड़े हादसे को लेकर पूर्व पार्षद दिलीप कौशल द्वारा इंदौर हाई कोर्ट बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में कहा गया था कि मजिस्ट्रेट से निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. हाई कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच की जाना चाहिए. इसी मामले में कोर्ट ने मंदिर ट्रस्ट और जांच अधिकारी को भी नोटिस जारी किया है.


जांच की निष्पक्षता को लेकर उठाए गए हैं सवाल
याचिकाकर्ता पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने हाई कोर्ट एडवोकेट डॉ. मनोहर दलाल के द्वारा बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे को लेकर लगाई गई इस याचिका में बड़े गंभीर आरोप लगाए हैं. याचिका के माध्यम से पूछा गया है कि जांच अधिकारी के पास ही निगम से तीन कर्मचारी काम कर रहे हैं. अपर कलेक्टर से लेकर अन्य राजस्व अधिकारियों के यहां नगर निगम के करीब 47 ड्राइवर, कर्मचारी निःशुल्क काम कर रहे हैं. इनके साथ ही बाकी राजस्व अधिकारियों के यहां भी निगम से सभी सेवाएं ले रहे हैं. तो ऐसे में निगम और निगमायुक्त के खिलाफ निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? याचिका में तो जांच अधिकारी के यहां काम करने वाले निगम सेवादारों के नाम भी लिखे हुए हैं. जबकि निगम के रिकॉर्ड में 629 कुएं और बावड़ी हैं.


निगम आयुक्त से मिलकर स्थानीय लोगों ने उठाया था यह मुद्दा
अहम बात यह है कि इसमें मंदिर की बावड़ी मौजूद नहीं है. हालांकि बेलेशवर महादेव मंदिर ट्रस्ट ने 25 अप्रैल 2022 को निगम के द्वारा दिए गए नोटिस के जवाब में बावड़ी के बारे में लिखा था. वही बेलश्वार महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी ने जो जवाब दिया इसमें लिखा गया था कि बावड़ी जर्जर है. इसे ठीक करना है.  इस काम में नगर निगम से मदद चाहिए इसके बाद भी नगर निगम के पास इसका रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. 11 मई 2022 को फिर खुद स्नेह मंडल विकास समिति के मंच के तहत रहवासियों ने निगम आयुक्त प्रतिभा पाल से मुलाकात कर अवैध निर्माण की बात कही थी. लेकिन कुछ नहीं किया गया. 30 जनवरी को भी अंतिम आदेश जारी किया लेकिन कार्रवाई नहीं की गई.


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