इंदौर के युगपुरुष धाम आश्रम में बच्चों की मौत पर जांच रिपोर्ट सौंपी, कलेक्टर ने जारी किया ये आदेश
Indore News: इंदौर के युगपुरुष धाम आश्रम में 10 बच्चों की मौत में हुई जांच में पदाधिकारियों की लापरवाही सामने आई. जांच रिपोर्ट के आधार पर इन प्राधिकारियों को पद से हटाने का आदेश जारी किया गया है.
Yugpurush Dham News: इंदौर के युगपुरुष धाम आश्रम में आश्रम के पदाधिकारी के लापरवाही से 6 नहीं बल्कि 10 बच्चों की मौत हुई थी, इस पूरे मामले में जिला प्रशासन ने जांच पूरी कर ली है और जांच रिपोर्ट के आधार पर ट्रस्ट के पदाधिकारी को हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
जांच रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि आश्रम प्रबंधन ने बिना पोस्टमार्टम के ही बच्चों के शवों को उनके माता पिता को सौंप दिया था. गंभीर लापरवाही सामने आने पर इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है, जिसमें योग पुरुष धाम आश्रम के जिम्मेदारों को उनके पद से हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
10 बच्चों की मृत्यु होने की बात आई है सामने
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने मीडिया को बताया कि युगपुरुष धाम मामले में हमारे द्वारा नोटिस जारी किया गया था. जिसमें जवाब आया है. इसके अलावा एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की गई थी जिसकी फाइनल रिपोर्ट हमें मिली है. उस रिपोर्ट में यह बिंदु आए हैं कि संस्था के द्वारा लापरवाही की गई है. आश्रम में घटनाक्रम के 4 दिन पहले भी बच्चों की मौत हुई थी. जो छिपाई गई. यानि कुल 10 बच्चों की मृत्यु होने की बात सामने आई है.
वहीं कुछ बच्चों के शवों को बिना पीएम के ही परिजनों को सौंपने की बात भी रिपोर्ट में आई है. मामले में हमने संज्ञान लेते हुए संस्था के अध्यक्ष और उसके सचिव को तत्काल प्रभाव से हटाने से निर्देश दिए गए हैं इसके अलावा जो संचालिका है उनको भी चेंज करने के लिए कहा है.
'कोई प्रावधान नहीं है FIR करने का'
FIR नहीं करने के मामले में कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि अभी FIR करने का कोई प्रावधान नहीं है. अगर हम लोग पूरे संस्था के रिकॉर्ड की बात करें पिछले 15 सालों से अच्छा काम कर रही है अगर पिछले 15 सालों के रिकॉर्ड को तलाशा जाए खंगाल जाए और उसकी जांच हो तो मुझे लगता है कि एक बहुत बड़ी और ऐसी एक्सरसाइज होगी जिसका कोई आउटपुट नहीं निकलेगा.
निर्देश मिलेगा तो की जाएगी कार्रवाई
जहां तक बात मौजूदा हालात की है तो उस समय जितने बच्चे थे, उसमें से कितने बच्चे बीमार पड़े, कितने बच्चों का इलाज हुआ, कितने बच्चों की मृत्यु हुई, यह हमारी जांच कमेटी ने संज्ञान में लिया है और इस आधार पर रिपोर्ट दी है. जहां तक FIR दर्ज करने वाली बात है तो वह बिल्कुल अलग विषय है अगर हमको इस सम्बन्ध में आयोग से या शासन से निर्देश मिलेगा तो कार्रवाई की जाएगी.
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