Indore News Update: इंदौर शहर में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों की संख्या हर माह बढ़ती जा रही है. इन मामलों में कमी लाने के लिए पुलिस प्रशासन की कार्रवाई नाकाफी नजर आ रही है. संभाग में 500 से अधिक तो शहर में हर माह 200 महिलाएं पुलिस (Women Police) के पास शिकायत लेकर पहुंच रही है. इसमें पारिवारिक विवाद, दुष्कर्म, छेड़छाड़, दहेज प्रताड़ना, मारपीट, घरेलू हिंसा आदि शामिल है.
शहर में है मात्र एक महिला थाना
30 लाख से ज्यादा की आबादी वाले इंदौर शहर में एकमात्र महिला थाना है. जहां हर दिन कई पीड़ित महिलाएं अपनी शिकायत लेकर पहुंची है. शहर में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए वैसे तो हर थाने पर एक महिला डेस्क बनाई गई है. जहां पर महिलाओं की सुनवाई की जाती है. लेकिन महिला थाने पर विशेष तौर पर महिलाओं की सुनवाई के लिए महिला पुलिसकर्मी तैनात है. यहां पहले दहेज प्रताड़ना की सुनवाई के दौरान पुलिस काउंसलिंग होती है. उसके बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद यदि सुलह नहीं हो तो फिर अपराध पंजीबद्ध किया जाता है.
महिलाओं की ओर गलत इशारे करना भी अपराध
महिला पुलिस थाना प्रभारी ज्योति शर्मा के मुताबिक महिलाओं के प्रति कानून सख्त बने हैं. यदि आप महिलाओं को देखकर गलत इशारे कर रहे हैं, तो भी वह अपराध की श्रेणी में आता है. महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को गंभीरता से लिया जाता है. इस दौरान थाना प्रभारी ज्योति शर्मा की ओर से महिलाओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा का कहना है कि अपराधों में कमी भी आई है. जिसमें सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा की शिकायतों में कमी आई है.
पुलिस पर उठते रहे हैं सवाल
हालांकी एजुकेशन हब बन चुके इंदौर शहर में महिलाएं कितनी सुरक्षित है. इस बात का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि निर्भया ईसीआर रात में भी महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करती है. लेकिन इसके बावजूद शहर के कुछ सोशल मीडिया पर वायरल होते वीडियो महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सवाल खड़े करती रही है.
महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में वृद्धि
गौरतलब है कि शहर में बढ़ते महिला अपराधों को देखते हुए प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान खुद पुलिस को सख्त निर्देश दे चुके हैं. इसी का नतीजा है कि शहर में थाना स्तर पर ऊर्जा डेस्क का गठन किया गया है. सड़कों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया वाहन का संचालन किया जा रहा है. थानों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में वृद्धि की गई है. इसके साथ ही पुलिस की रात्रि गश्त में बढ़ोतरी की गई है.
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