उज्जैन: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (Indternational Yoga Day) पर साधु संतों ने योग (Yoga) किया. इस दौरान बड़ी संख्या में बटुक भी शामिल हुए. साधु संतों ने धर्म के साथ-साथ निरोगी काया का भी आम लोगों को संदेश दिया.
क्या योग से दूर होती हैं बीमारियां
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उज्जैन के चार धाम मंदिर में महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद महाराज ने योग किया. उन्होंने कहा कि धर्म और योग एक दूसरे के अंग हैं. योग को किसी धर्म विशेष से जोड़ना भी गलत है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क रहता है. धर्म के लिए शारीरिक रूप से तंदुरुस्त होने के साथ-साथ मानसिक विकार भी दूर होना जरूरी है. महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद महाराज ने कहा कि नियमित रूप से योग कई बीमारियों को दूर करता है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग दिवस को अच्छे ढंग से प्रसारित कर विश्व भर के कल्याण की सोच को बढ़ावा दिया है.
अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस डॉ अवधेश पुरी महाराज ने बताया कि साधु संत नियमित रूप से योग करते हैं. बटुकों को भी धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ योग की शिक्षा दी जा रही है. वर्तमान परिदृश्य और कोरोना महामारी के बीच योग काफी कार्य कर कारगर साबित हो रहा है.
भूख और निंद्रा पर पड़ा सीधा असर
नियमित रूप से योग करने वाले बटुक राम ने बताया कि योग करने के बाद भूख, पाचन शक्ति और सोने में काफी हद तक फर्क पड़ा है. बौद्धिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास भी आवश्यक है, इसलिए योग को दिनचर्या में शामिल कर लिया गया है. बटुक शंकर के मुताबिक प्रतिदिन दिन की शुरुआत योग से होती है. योग की वजह से स्फूर्ति भी रहती है.
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