Train Speed Increased: दिल्ली से मुम्बई और दिल्ली से चेन्नई के बीच चलने वाली ट्रेनें अब और फर्राटा मारते हुए दौड़ेंगी. इंडियन रेलवे ने राजधानी दिल्ली से इन दोनों महानगरों को जोड़ने वाले दो प्रमुख रेल रास्तों में ट्रेनों की गति में 20 किलोमीटर प्रतिघंटा का इजाफा कर दिया है. ट्रेनों की गति बढ़ने से यात्रा समय मे आधा घंटा की कटौती हो जाएगी जो यात्रियों के मूल्यवान समय की बचत करेगी. जबलपुर मुख्यालय वाले पश्चिम मध्य रेलवे ने अपने जोन के अन्तर्गत दो मुख्य रेल मार्गों में ट्रेनों की गति बढ़ाने की उपलब्धि हासिल की है. खास बात यह यह है कि इस उपलब्धि को इंडियन रेलवे द्वारा दिये गए लक्ष्य से एक साल पहले ही हासिल कर लिया गया. अब पश्चिम मध्य रेलवे के इन दो प्रमुख रेल मार्गों में ट्रेनें हवा से बातें करते हुए 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।अभी तक यहां ट्रेनों की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटे थी.
पश्चिम रेलवे ने एक साल में पूरा किया टारगेट
पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ राहुल जयपुरियार ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए समय से एक साल पहले अपना टारगेट पूरा करते हुए पश्चिम मध्य रेलवे ने ट्रेनों की गति में इजाफा कर दिया है.पश्चिम मध्य रेल के दिल्ली-मुम्बई रूट के मुख्य सेक्शन नागदा-कोटा-मथुरा और दिल्ली-चेन्नई रूट के बीना-भोपाल-इटारसी सेक्शन में सभी यात्री ट्रेनों की गति को बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटे कर दिया गया है.ट्रेनों की गति बढ़ने से न केवल यात्रियों का समय बचेगा बल्कि ट्रेन परिचालन में भी फायदा होगा. जयपुरियार के मुताबिक ट्रेनों की गति बढ़ने से हर ट्रेन में यात्रा की अवधि में 30 से 35 मिनिट की बचत होगी.
दिल्ली को मुम्बई से जोड़ने के लिए दो प्रमुख रेल मार्ग है.एक पश्चिम-मध्य रेल के मथुरा-कोटा-नागदा के सेक्शन से गुजरता है जिसकी लंबाई तकरीबन 450 किलोमीटर है.इसी तरह दूसरा रूट बीना-भोपाल-इटारसी से गुजरता है जिसकी लंबाई करीब 230 किलोमीटर है.
इटारसी-मानिकपुर और इटारसी-खंडवा के बीच भी बढ़ाई जाएगी ट्रेन की रफ्तार
पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ राहुल जयपुरियार ने बताया कि इटारसी-मानिकपुर और इटारसी-खंडवा के बीच भी ट्रेनों की गति बढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है.जल्द ही यहां पर भी ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी.पश्चिम मध्य रेल के सभी सेक्शन का पूरी तरह से इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है और इस जोन से डीजल इंजिन की विदाई हो चुकी है. आपको बता दें कि पश्चिम मध्य रेलवे देश के मध्य में स्थित है.यही वजह है कि पश्चिम मध्य रेलवे से देश की चारों दिशाओं के लिए ट्रेनें गुजरती है.महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने वाली पैसेंजर ट्रेनों के साथ गुडस ट्रेनों के लिए भी पश्चिम मध्य रेलवे बेहद महत्वपूर्ण पार्किंग रेलवे जोन माना जाता है.यही वजह है इस जोन में ट्रेनों की गति बढाना बेहद जरूरी हो गया था.
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