Asha Usha workers Andolan: चुनावी साल में हड़ताल और आंदोलन तेज हो गए हैं. कर्मचारी संगठन मांगें मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं. संविदा कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बाद अब आशा-उषा कार्यकर्ता भी आंदोलन पर उतारू हो गई हैं. जबलपुर में आशा-उषा कार्यकर्ताओं का गुरुवार (20 अप्रैल) को गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने एलान कर दिया कि  "आधी रोटी खाएंगे लेकिन काम पर नहीं जायेंगे." मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने की जिद पर अड़ीं आशा-उषा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नजरबंद कर दिया. टाउन हॉल में बंद होने के बावजूद आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने समर्थन में नारेबाजी की.


आशा-उषा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया नजरबंद


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लाडली बहना योजना महासम्मेलन को संबोधित करने आनेवाले थे. हालांकि, मौसम की खराबी की वजह से मुख्यमंत्री को कार्यकर्म रद्द करना पड़ा. बता दें कि मध्य प्रदेश की आशा-उषा कार्यकर्ता मुख्य तौर पर तीन मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. 15 मार्च से आशा-उषा कार्यकर्ताओं की काम बंद हड़ताल जारी है. पहली मांग परमानेंट करना, दूसरी मांग 10 हजार रुपए मासिक वेतन और अंतिम मांग काम के घंटे तय करने की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने के लिए चुनावी मैदान में कूद चुके हैं. उन्होंने तमाम वर्गों के लिए योजनाओं का पिटारा खोल दिया है.



चुनावी साल में सरकार से लाभ लेने की आस प्रदेश की लाखों आशा-उषा कार्यकर्ताओं को भी है. आंदोलनकारी आशा-उषा कार्यकर्ता लाडली बहना महासम्मेलन में पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करना चाह रही थीं, लेकिन पुलिस ने पहले ही घेराबंदी कर टाउन हॉल में रोक दिया. टाउन हॉल के गेट पर पुलिस ने बाहर से ताला जड़ दिया. मुख्यमंत्री का कार्यक्रम कैंसिल होने तक आशा और उषा कार्यकर्ताओं नारेबाजी जारी रही.





मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में गड़बड़ी की थी आशंका 


गेट के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस ने घेराबंदी कर रखी थी. जबलपुर में एक साथ दो तस्वीर देखने को मिली. एक तरफ लाडली बहनों के लिए विशेष व्यवस्थाओं से लैस पंडाल तैयार किया गया था. दूसरी ओर सैकड़ों आशा-उषा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कार्यक्रम स्थल से दूर टाउन हॉल में नजरबंद कर दिया था ताकि कार्यक्रम स्थल में माहौल न बिगड़े. पुलिस के दोहरे रवैये से गुस्साई आशा कार्यकर्ताओं ने बैठकर धरना दे दिया और मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मौके से ही आशा कार्यकर्ताओं ने नारा बुलंद किया कि आधी रोटी खाएंगे काम पर नहीं जाएंगे.


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