Jabalpur Bandh: जबलपुर में आज थोक और फुटकर कपड़ा बाजार बंद था. सरकार के फैसले पर आज देशभर में कपड़ा व्यापारी विरोध प्रदर्शन कर रहे है. जबलपुर में भी तमाम कपड़ा व्यापारियों ने दुकानें बंद कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. गौरतलब है कि सरकार ने कपड़ों पर जीएसटी (GST) 5 फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद करने का निर्णय लिया है. जबलपुर में मुख्य बाजार बड़े फुहारे पर तमाम कपड़ा व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ मार्च निकाला और जमकर नारेबाजी की गई. जीएसटी बढ़तोरी के विरोध में बाजार पूरी तरह से बंद रखा गया. 


GST वृद्धि का कपड़ा व्यापार और ग्राहकों पर भी होगा असर


कपड़ा व्यापार से जुड़े अनुराग जैन गढ़ावाल का कहना है कि जीएसटी बढ़ाने से ना केवल कपड़ा व्यापार पर असर पड़ेगा बल्कि इसका असर ग्राहकों को भी होगा. हर इंसान के लिए रोटी, कपड़ा और मकान बेहद जरूरी होता है लेकिन महंगाई के दौर में कपड़े का दाम बढ़ जाना आम जनता को भी महंगा साबित होगा. इससे पहले जीएसटी की दर पहले की तरह रखे जाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति की बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार हुई. व्यापारी संघों के प्रतिनिधियों ने कहा कि 1 जनवरी से कपड़े पर जीएसटी बढ़ाए जाने के कारण कपड़ा कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा और इससे जुड़े लाखों लोग बेरोजगार होंगे.


कपड़ा व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस का मिला साथ


केंद्र सरकार कपड़ा व्यापारियों की मांग पर हठधर्मिता का रुख अपनाए हुई है. बैठक में जबलपुर थोक वस्त्र विक्रेता संघ, जवाहरगंज व्यापारी संघ, लार्डगंज व्यापारी संघ, मछरहाई व्यापारी संघ, सदर गोरखपुर, अधारताल और गढ़ा व्यापारी संघों के प्रतिनिधि मौजूद थे. कपड़ा व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन का कांग्रेस ने समर्थन किया है. नगर कांग्रेस अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह अन्नू ने बताया कि जीएसटी बढ़ाये जाने से आम जनता और व्यापारियों की परेशानी बढ़ जायेगी. 


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