Jabalpur News: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के खिलाफ जबलपुर (Jabalpur) में बसोर समाज संगठन ने मोर्चा खोल दिया है. जबलपुर में आज गुरुवार को बसोर समाज संगठन ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की. समाज के लोगों ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. जबलपुर में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक तरफ हिंदू राष्ट्र की मांग करते है तो वहीं, दूसरी तरफ उनके दरबार में आने वाले लोगों का जातिगत अपमान भी करते हैं.


प्रदर्शकारी रवि बेन ने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि वो बसोर समाज को जाति सूचक शब्द कह रहे हैं. विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों की मांग है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज होना चाहिए और उन्हें देशभर के बसोर समाज से माफी मांगना चाहिए. छतरपुर के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कुछ दिन पूर्व राजस्थान के सीकर में अपनी कथा के दौरान बसोर समाज को लेकर आपत्तिजनक शब्द बोला था. 



बसोर समाज के लोगों ने थाने में की शिकायत
इसको लेकर मंगलवार को छतरपुर में भी बसोर समाज ने आजाक थाने में एक शिकायत देकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के ऊपर मामला दर्ज करने की मांग की थी. समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो हम सभी बसोर समाज के लोग बौद्ध धर्म अपना लेंगे. दरअसल, बागेश्वरधाम के प्रमुख धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों के कारण पूर्व में भी विवादों में आ चुके हैं. महाराज सहस्त्रबाहू को लेकर दिए विवादित बयान के बाद धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ हैहयवंशी क्षत्रिय समाज ने मोर्चा खोल दिया था.


धीरेंद्र शास्त्री ने क्या कहा
धीरेंद्र शास्त्री को अपने बयान को लेकर 24 घंटे के अंदर मांफी मांगने की चेतवानी दी गई थी और कहा गया था कि ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ देशभर में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. हालांकि मामले के तूल पकड़ने पर अब उन्होंने अपने बयान पर खेद व्यक्त किया है. बागेश्व धाम सरकार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "विगत कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है एक चर्चा के मध्य में मेरे द्वारा भगवान परशुराम और  महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुन जी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है वह हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है."


ट्वीट में आगें उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नही था और न ही कभी होगा, क्योंकि हम तो सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं. फिर भी यदि हमारे किसी शब्द से किसी की भावना आहत हुई हो तो इसका हमें खेद है. हम सब हिन्दू एक हैं. एक रहेंगे. हमारी एकता ही हमारी शक्ति है.


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