मध्य प्रदेश के जबलपुर में शहर में कबाड़ गोदाम में मेजर विस्फोटकांड का मुख्य आरोपी शमीम कबाड़ी घटना के एक माह बाद भी पुलिस पकड़ से बाहर है. उसकी गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपये का इनाम जबलपुर पुलिस द्वारा घोषित किया गया है. शमीम कबाड़ी को मदद करने के आरोप में नागपुर निवासी अब्दुल करीम सत्तार पटैल और अशरफ मंसूरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस मामले की जांच एनएसजी और एनआईए द्वारा भी की गई थी.
बता दें कि 25 मई 2024 को पांच किमी दूर तक धरती को कंपा देने वाले इस मेजर ब्लास्ट में मजदूर भोलाराम और खलील लापता हो गये थे. इसमें खलील की मौत की पुष्टि हो चुकी है, वहीं, दूसरे श्रमिक भोलाराम की गुमशुदगी दर्ज की गयी थी.
घटनास्थल पर मिले साक्ष्य से भोलाराम के प्रियजनों का डीएनए मिलाने की कोशिश की जा रही है. प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने शमीम कबाड़ी के पुत्र फहीम और पार्टनर सुल्तान को गिरफ्तार किया था. वहीं बाद में शमीम कबाड़ी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था लेकिन वह तब तक फरार हो चुका था. उसकी गिरफ्तारी के लिए पहले 15 हजार का इनाम घोषित किया गया था जो कि बढ़ाकर 30 हजार कर दिया गया है. अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
भागने में मदद करने वाला गया जेल
जबलपुर के पुलिस कंट्रोल रूम ने एक विज्ञप्ति में बताया है कि अब्दुल करीम सत्तार पटैल व अशरफ मंसूरी को नागपुर से गिरफ्तार किया गया. दोनों को वहां से अभिरक्षा में जबलपुर लाया गया. यहां अधारताल पुलिस द्वारा अब्दुल करीम को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया. वहीं,अशरफ मंसूरी से पूछताछ की जा रही है.
सत्तार से लिए थे 50 हजार
जांच में उजागर हुआ कि विस्फोट के बाद शमीम कबाड़ी कार लेकर सीधे नागपुर भाग गया था. वहां पर उसने अपने पुराने साथी अब्दुल सत्तार से 50 हजार रुपये लिए थे.वहीं अब्दुल ने उसे एक होटल में रुकवाने की व्यवस्था कराई थी. होटल में रुककर वह जबलपुर में पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई की पूरी जानकारी लेता रहा और उसके बाद वह पुणे भाग निकला था.
वहीं,अधारताल थाना क्षेत्र में खजरी खिरिया बायपास स्थित शमीम कबाड़ी के कबाड़खाने में कबाड़ का सामान रखने के लिए करीब 5 हजार वर्गफीट में 3 करोड़ की लागत से बनी 2 मंजिला अवैध इमारत को जमींदोज करने कार्रवाई की गयी.पुलिस,जिला प्रशासन और नगर निगम के अमले ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर इमारत को पूरी तरह गिरा दिया.