Madhya Pradesh News: जबलपुर (Jabalpur) में अवैध कॉलोनियां तानकर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने वाले बिल्डरों के खिलाफ प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. कई बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उनकी जमीनों की खरीद-बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. दरअसल, वैधानिक कॉलोनियां बनाने के लिए न सिर्फ कई विभागों की अनुमतियां लेनी पड़ती है, बल्कि रेरा से कॉलोनाइजर लाइसेंस लेकर विकास शुल्क भी जमा करना पड़ता है. इससे कालोनी नियम-कायदे से बनती है और भविष्य को ध्यान में रखते हुए हर तरह की सुविधा का ध्यान रखा जाता है.
ग्रामीण इलाकों में उड़ रही नियम की धज्जी
वहीं जबलपुर में कई बिल्डरों ने कहीं भी कॉलोनियां तान कर करोड़ों की कमाई करने का सिलसिला शुरू कर दिया है. शहर से लगे आसपास के इलाको में लगातार प्लांटिंग की जा रही है. नियमों की धज्जियां उड़ाकर बन रही कॉलोनियों में न तो बच्चों के खेलने के लिए गार्डन होता है और न ही सही तरीके से सड़कें बनाई जाती है. इसके अलावा पार्किंग से लेकर पेयजल, जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं होती है. रहवासियों द्वारा लगातार की जा रही शिकायतों के साथ-साथ प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में जब ढेरों अनियमितताएं पाई गई तो प्रशासन ने शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में फर्जी कॉलोनाइजरों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया.
25 कॉलोनाइजरों के खिलाफ FIR
एसडीएम पी के सेनगुप्ता के मुताबिक पिछले आठ महीने में जिला प्रशासन ने 60 ऐसे फर्जी कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जो नियमों की धज्जियां उड़ाकर कॉलोनियां बना रहे थे. खास बात यह है कि इनमें से 25 कॉलोनाइजरों के खिलाफ तो एफआईआर दर्ज कराई गई है. साथ ही उनकी जमीनों की खरीद फरोख्त पर भी रोक लगा दी गई है. लोगों की आंखों में धूल झोंक कर नियम के खिलाफ जाकर कॉलोनियां तानने वालों के खिलाफ प्रशासन की सख्ती से कॉलोनाइजरों में हड़कंप मचा हुआ है.
इन जगहों पर हुई कार्रवाई
जबलपुर के पनागर, खजरी-खिरिया, कटंगी रोड, बरेला रोड, पाटन रोड, समाधि रोड, चरगवां रोड, सोनपुर-पिपरिया इलाके में जमकर अवैध प्लाटिंग चल रही है. जानकर सूत्रों का कहना है कि ये सारा खेल राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से होता है. शासन को जब शिकायतें पहुंचती है तो खानापूर्ति के लिए कार्रवाई की जाती है. चुनाव के पहले वोट पाने के लिए सरकार अवैध कालोनियों को विकास शुल्क लेकर वैध कर देती है. यह खेल सालों से ऐसे ही चल रहा है.