MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक बाबू ने एसडीएम बनकर फर्जीवाड़ा कर डाला. आरोप है कि उसने एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर से चार केंद्रीय कर्मचारियों का जाति प्रमाण पत्र सत्यापित कर दिया. अब बाबू के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है. मामले का खुलासा होने पर हड़कंप मच गया. तत्काल एसडीएम कार्यालय में पदस्थ रीडर (बाबू) को सस्पेंड कर दिया गया. उसके साथ चार सीजीएसटी अधीक्षकों के खिलाफ विजय नगर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है.
दरअसल, सीजीएसटी के 4 अधीक्षकों का जाति प्रमाण पत्र सत्यापित करने के लिए रीडर खुद ही एसडीएम बन बैठा. उसने अपनी तरफ से प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर दिया. अधारताल एसडीएम शिवाली सिंह ने विजय नगर थाने को शिकायत दी. शिकायत के अनुसार सेंट्रल जीएसटी में अधीक्षक के पद पर तैनात मुकेश बर्मन, मनीष कोशरिया, सतीश रैकवार और राजेश बर्मन के जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन होना था. इसके लिए सीजीएसटी के सहायक आयुक्त सतर्कता ने अधारताल एसडीएम शिवाली सिंह से पत्राचार किया.
फर्जीवाड़े का मामला सामने आने पर हड़कंप
सत्यापन के लिए जाति प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय भेजे गए. सभी प्रमाण पत्र वर्ष 1989 के बने हुए थे. एसडीएम कार्यालय में तैनात रीडर संजय पुराविया ने सभी प्रमाण पत्रों को एसडीएम के फर्जी डिजिटल साइन से सत्यापित कर दिया. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब सीजीएसटी के अधिकारियों ने देखा कि सत्यापित प्रमाण पत्रों में सील नहीं लगी है और हस्ताक्षर में भी कुछ गड़बड़ी थी. सीजीएसटी के अधिकारियों ने फौरन मामले की सूचना एसडीएम शिवाली सिंह को दी. एसडीएम ने रीडर से पूछताछ की.
बाबू ने एसडीएम के नाम से किया हस्ताक्षर
पहले तो रीडर साफ मुकरता रहा लेकिन जब उसे पता चला कि सीजीएसटी के अधिकारियों ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और पूरी जांच हो चुकी है तो उसने स्वीकार कर लिया. उसने बताया कि ये काम सीजीएसटी के अधीक्षक मुकेश बर्मन के कहने पर किया है. एसडीएम को विश्वास हो गया कि उनके फर्जी साइन से ही जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन हुआ है तब उन्होंने कलेक्टर दीपक सक्सेना को मामले की जानकारी दी.
कलेक्टर ने साफ कहा कि ऐसा फर्जीवाड़ा करने वालों को तो जेल जाना चाहिए. उन्होंने पुलिस से शिकायत दर्ज कराने को कहा. शिकायत पर विजय नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. रीडर संजय पुराविया के साथ सेंट्रल जीएसटी में अधीक्षक के पद पर तैनात मुकेश बर्मन, मनीष कोशरिया, सतीश रैकवार और राजेश बर्मन के खिलाफ धारा 420, 464, 467, 468, 471, 120बी और 34 का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
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