Jabalpur News Today: जनता के काम में गड़बड़ी करने वाले सावधान हो जायें. जबलपुर कलेक्टर ने अनूठा प्रयोग किया है. कवायद का मकसद जनसुविधाओं में गड़बड़ी रोकना है. स्पेशल टीमें होटल, रेस्टारेंट, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, पेट्रोल पंप, गैस वितरण एजेंसी, मेडिकल स्टोर्स जैसी सभी व्यावसायिक इकाइयों की जांच करेंगी. राशन दुकानों, शैक्षणिक संस्थानों, कृषि आदान विक्रय प्रतिष्ठानों और औद्योगिक इकाइयों में निर्धारित नियमों का पालन कराने लिए भी जल्द प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों का दस्ता नजर आयेगा.
कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह की मौजूदगी में शुक्रवार (17 मई) को बैठक हुई. बैठक में जांच दलों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किये गये. कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग जांच दल में स्वास्थ्य, खाद्य एवं औषधि प्रशासंन, खाद्य, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, उद्योग, कोषालय, शिक्षा, विद्युत, आबकारी, खनिज, नापतौल एवं श्रम विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है. सभी सात दलों में शामिल अधिकारियों को स्पष्ट किया गया कि जांच का मुख्य उद्देश्य नियम, कायदे, कानून का पालन कराना और व्यवस्थाओं में सुधार लाना है.
जनता के काम में गड़बड़ी पड़ेगी भारी
बैठक में अधिकारियों से साफ कहा गया कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, संस्थानों और औद्योगिक इकाइयों की जांच नियमों के दायरे में रहकर करना है. अधिकारियों को हिदायत भी दी गई कि जांच के दौरान किसी को परेशानी और व्यावसायिक गतिविधियों में रूकावट न हो. नियमों का उल्लंघन मिलने पर वैधानिक प्रावधानों के तहत एक्शन लेना है. कलेक्टर सक्सेना ने कहा कि कार्यवाही से पहले जांच दलों को पूरी प्लानिंग करनी होगी. संदिग्ध संस्थान की जांच से संबंधित नियमों और प्रावधानों का गहराई से अध्ययन करना होगा.
कलेक्टर ने स्पेशल टीमों का किया गठन
उन्होंने जांच की कार्यवाही में पूरी पारदर्शिता बरतने की हिदायत भी दी. कलेक्टर ने साफ किया कि स्पेशल टीम रोस्टर के मुतबिक तय दिन पर किसी भी क्षेत्र में जाकर जांच कर सकेगी. शहरी क्षेत्र की टीमें ग्रामीण क्षेत्र में और ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियों का दल शहरी क्षेत्र में जाकर जांच कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि जांच का उद्देश्य आम नागरिकों की शिकायतों और समस्याओं का समाधान करना है. इसलिये अधिकारियों को कार्यवाही के दौरान किसी प्रकार के दबाव में आने की जरूरत नहीं है. स्पेशल टीम को ताकीद किया गया कि जांच के दौरान किसी भी प्रकार की कठिनाई आने पर सीधे कलेक्टर या पुलिस अधीक्षक से संपर्क करना होगा.
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