Jabalpur News: चार दिनों की EOW की हिरासत में जबलपुर के बिशप, धोखाधड़ी का है आरोप
MP News: स्थानीय कोर्ट ने जबलपुर स्थित बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के चेयरमैन-सह-बिशप पीसी सिंह को धोखाधड़ी के मामले में चार दिन के लिए ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया.
Bishop PC Singh Arrested: स्थानीय कोर्ट ने सोमवार को जबलपुर (Jabalpur) स्थित बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के चेयरमैन-सह-बिशप पीसी सिंह (Bishop PC Singh) को धोखाधड़ी के मामले में चार दिन के लिए आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की हिरासत में भेज दिया. ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजपूत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सिंह को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘कोर्ट ने पीसी सिंह को चार दिन के लिए ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया है.’’ बिशप सिंह को कोर्ट में पेश करने से कुछ घंटे पहले सोमवार को ही गिरफ्तार किया गया था.
छापे में ये सामान बरामद हुआ
राजपूत ने बताया कि बिशप के खिलाफ अनियमितताओं की शिकायत के आधार पर आठ सितंबर को ईओडब्ल्यू ने जबलपुर स्थित उनके निवास पर छापा मारा था. उन्होंने बताया कि छापे में ट्रस्ट की संस्थाओं के पट्टे में धोखाधड़ी, कर ना चुकाने जैसे कृत्य और 17 संपत्ति संबंधित दस्तावेज, 48 बैंक खाते, 1.65 करोड़ रुपये की नकदी, 18,342 अमेरिकी डॉलर और 118 पौंड का पता चला. साथ ही आठ चार पहिया वाहन बरामद हुए. राजपूत ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने पिछले महीने बिशप सिंह के खिलाफ एक शिकायत के बाद मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया में वित्तीय गड़बड़ियां करने एवं धोखाधड़ी में लिप्त हैं, जिसके वह चेयरमैन हैं.
जानें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्या कहा?
ईओडब्ल्यू द्वारा बिशप के निवास एवं कार्यालय पर छापे में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां और धोखाधड़ी की बात सामने आने के एक दिन बाद राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि धर्म के नाम पर धर्मांतरण या गैरकानूनी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं होंगी और इस संस्था की अनियमितताओं और गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा करेगी.
सीएम ने कहा था, ‘‘इस छापे में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां और धोखाधड़ी की बात सामने आई है. राज्य प्रशासन इस बात की जांच कराएगा कि धन का उपयोग कहीं गैर-कानूनी कामों में तो नहीं किया जा रहा था. यह भी देखा जाएगा कि ट्रस्ट के माध्यम से धर्मांतरण और अन्य गैर-कानूनी काम तो नहीं किए जा रहे हैं. इसकी जांच ईओडब्ल्यू करेगी, जिला प्रशासन की अपनी भूमिका होगी.’’
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