Jabalpur News: जबलपुर (jabalpur) जिले को जल अभावग्रस्त जिला घोषित (Water Crisis District) कर दिया गया है. इसके साथ ही पूरे जिले में शासकीय और निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दोषी पाए गए व्यक्तियों को मध्य प्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम की धारा 9 के अनुसार दो साल तक के कारावास या दो हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जाएगा. यह आदेश शासकीय योजनाओं के तहत नलकूप खनन पर लागू नहीं होगा. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कार्ययोजना के तहत नलकूप का खनन करा सकता है. 


जिला कलेक्टर का आदेश क्या कहता है


जिला दण्डाधिकारी और कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा टी ने गर्मी के मौसम में जिले के नगरीय निकायों और ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल संकट की संभावना को देखते हुए जबलपुर जिले को मध्य प्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम के तहत जल अभावग्रस्त घोषित कर दिया है. जिले में अशासकीय और निजी नलकूपों के खनन पर 30 अप्रैल से 30 जून तक प्रतिबंध लगा दिया गया है.


जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जिले में गत वर्ष औसत से कम वर्षा तथा कृषि, व्यावसायिक एवं औद्योगिक कार्यों में जल स्रोतों के अति दोहन के कारण पेयजल स्रोतों और नलकूपों का जलस्तर तेजी से गिर रहा है. जल स्तर गिरने और अधिकांश सतही जल स्रोतों के सूख जाने के कारण ग्रीष्म काल के दौरान जल संकट की संभावना को देखते हुए जिले की सभी तहसीलों में पेयजल के अलावा अन्य प्रयोजनों के लिए नए निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना जरूरी है. 


लगातार गिर रहा है भूजल का स्तर


जिला दण्डाधिकारी ने अपने आदेश में भू-जल स्तर में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए संपूर्ण जिले में अशासकीय एवं निजी नलकूपों के खनन को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ जिले की सीमा में सार्वजिनक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर नलकूप खनन की मशीनों के बिना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अनुमति के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है. आदेश के मुताबिक जिले की सीमा क्षेत्र में नलकूप खनन की मशीनें बिना अनुमति के न तो प्रवेश कर सकेगी और न ही नलकूप का खनन कर सकेंगी.


इस आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक राजस्व और पुलिस अधिकारियों को अवैध रूप से प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करने वाली नलकूप खनन की मशीनों को अथवा नलकूप खनन का प्रयास करने वाली मशीनों को जप्त कर एफआईआर दर्ज करने का अधिकार होगा. आदेश में अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को उनके क्षेत्रांतर्गत अपरिहार्य प्रकरणों एवं अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के बाद नलकूप खनन की मशीनों को अनुज्ञा देने हेतु अधिकृत किया गया है.


इन लोगों पर लागू नहीं होगा यह आदेश


जिला दण्डाधिकारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अशासकीय और निजी नलकूपों के खनन पर लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्तियों को मध्य प्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम की धारा 9 के अनुसार दो साल तक के कारावास या दो हजार रुपये के जुर्माने अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकेगा. यह आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत नलकूपों के खनन पर लागू नहीं होगा और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्ययोजना के अंतर्गत नलकूप का खनन कराया जा सकेगा. इसके लिए इजाजत लेने की भी जरूरत नहीं होगी. 


जिला दण्डाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था के लिए जरूरी होने पर मध्य प्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत नवीन खनित निजी नलकूपों और विद्यमान जल स्रोतों का अधिग्रहण भी किया जा सकेगा.


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