Jabalpur Double Murder Update: मध्य प्रदेश के जबलपुर के पिता-पुत्र के बहुचर्चित डबल मर्डर केस के मुख्य आरोपी ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है.आरोपी ने 76 दिन फरारी काटने के बाद जबलपुर के सिविल लाइन थाने पहुंचकर खुद कबूल किया कि उसने अपनी नाबालिग प्रेमिका के पिता और मासूम भाई का कत्ल किया है.


इस डबल मर्डर केस में नाबालिग प्रेमिका ने घटना को अंजाम देने में प्रेमी का पूरा साथ दिया था.पुलिस का कहना है कि नाबालिग प्रेमिका से रेप के मामले में सजा होने के डर से मुकुल ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया.

जबलपुर के एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने आज शुक्रवार (31 मई) को पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए बताया कि मुख्य आरोपी मुकुल सिंह और उसकी 16 साल की प्रेमिका की बराबर भूमिका थी. उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले हरिद्वार में नाबालिग प्रेमिका के पकड़े जाने के बाद मुकुल सिंह टूट गया था. उसको अंदेशा था कि कहीं प्रेमिका पिता और भाई के डबल मर्डर का दोषी उसे ना बता दे इस डर से उसने जबलपुर पुलिस के सामने गुरुवार (30 मई) की रात को सरेंडर कर दिया.

एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने एबीपी लाइव को बताया कि सितंबर माह में मृतक राजकुमार विश्वकर्मा (52 वर्ष) ने अपनी नाबालिग बेटी के प्रेमी मुकुल सिंह के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में पाक्सो एक्ट (POCSO ACT) का मुकदमा दर्ज कराया था.इस मामले में जेल से छूटने के बाद आरोपी मुकुल सिंह अपनी नाबालिग प्रेमिका के साथ मिलकर उसके पिता को रास्ते से हटाने का प्लान बना रहा था.


हालांकि, राजकुमार विश्वकर्मा ने अपनी नाबालिग बेटी को इटारसी में रिश्तेदार के घर भेज दिया था लेकिन उसके बावजूद भी वह सोशल मीडिया एप के माध्यम से अपने प्रेमी मुकुल सिंह के संपर्क में बनी हुई थी. मुकुल सिंह को भी इस बात का भय था कि राजकुमार विश्वकर्मा अपनी नाबालिग बेटी से बयान दिलवाकर पाक्सो एक्ट में उसे सजा दिलवा देंगे.

पुलिस के मुताबिक कई महीनों की प्लानिंग के बाद 15 मार्च की सुबह 8 बजे के आसपास आरोपी मुकुल सिंह मिलेनियम कालोनी स्थित राजकुमार विश्वकर्मा के फ्लैट पर पहुँचा और अपनी नाबालिग प्रेमिका के साथ मिलकर उनका कत्ल कर दिया.इसी बीच नाबालिग प्रेमिका का 8 साल का भाई तनिष्क अपने पिता को बचाने के लिए आया तो मुकुल ने धारदार हथियार के प्रहार से उसकी भी हत्या कर दी.


दोनों आरोपियों का इरादा शव को टुकड़े-टुकड़े करके ठिकाने लगाने का था लेकिन खून देखकर वे डर गए. एसपी आदित्य प्रताप सिंह के मुताबिक कत्ल के बाद उन्होंने दोनों सबको पॉलिथीन में पैक किया.भाई के शव को फ्रिज के अंदर रख दिया.आरोपियों ने घटना के बाद खून साफ किया.घर में अगरबत्ती लगा दी ताकि शव की बदबू आसपास न फैले. इसी बीच उन्होंने दूध वाले से दूध लिया और चाय बनाकर.

पुलिस के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के चार-पांच घंटे बाद मुकुल सिंह और उसकी प्रेमिका बारी-बारी से फ्लैट के बाहर निकले.वे स्कूटर पर बैठकर फरार हो गए.जबलपुर के कई सीसीटीवी कैमरा में कैद होने के बाद मुकुल सिंह और उसकी प्रेमिका 10 अप्रैल को मथुरा में देखे गए थे. फेरारी के दौरान मुकुल और उसकी नाबालिक प्रेमिका ने राजकुमार विश्वकर्मा के खातों से पैसा अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया और उसी से पूरे देश में अलग-अलग शहरों में घूमते रहे.

पुलिस ने बताया कि घटना के करीब 75 दिन बाद हरिद्वार पुलिस ने नाबालिग लड़की को पकड़ा लिया था,लेकिन उसका बॉयफ्रेंड मुकुल चकमा देकर फरार हो गया.जबलपुर पुलिस नाबालिग लड़की को लेने हरिद्वार पहुंची और उसके लौटने के पहले ही गुरुवार की रात मुकुल सिंह ने सिविल लाइन्स थाना में सरेंडर कर दिया.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सिविल लाइन थाने में रोजाना की तरह पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे.इसी दौरान मुंह पर कपड़ा बांधकर एक युवक पहुंचा.उसने कहा,"मुझे इंस्पेक्टर सर से मिलना है." युवक को देखने के बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कहा कि क्या काम है? इसके बाद युवक ने कहा कि,"मेरा नाम मुकुल सिंह है.मैं वही मुकुल हूं, जिसने 15 मार्च को मिलेनियम कॉलोनी में राजकुमार और तनिष्क की हत्या की थी."

मध्यप्रदेश पुलिस नाबालिग प्रेमिका और उसे प्रेमी को 75 दिनों तक देश के तमाम शहरों के अलावा नेपाल में भी तलाश रही थी. मुकुल सिंह के पोस्टर बनवाकर देश भर में लगवाए गए थे. इसी पोस्टर से हरिद्वार में लोगों ने मुकुल सिंह और उसकी नाबालिग प्रेमिका को पहचान लिया. उन्होंने इसकी खबर स्थानीय पुलिस को दी.

पुलिस ने बताया कि आरोपी लड़की और उसका प्रेमी मुकुल सिंह ने पैसा खत्म होने के बाद पिछले एक महीने से हरिद्वार को ठिकाना बना रखा था.दोनों यहां अलग-अलग आश्रमों में रह रहे थे.पूछताछ के दौरान उन्होंने पुलिस से कहा कि वे घूमने आए हैं. वारदात के 75 दिन बाद हरिद्वार में 28 मई को नाबालिग तो पकड़ी गई, लेकिन मास्टरमाइंड बॉयफ्रेंड चकमा दे गया था.उसने अस्पताल के अंदर से बैग लेकर आने का झांसा देकर दौड़ लगा दी थी.

एसपी आदित्य प्रताप सिंह के मुताबिक राजकुमार ने नाबालिग बेटी से रेप के मामले में सितंबर 2023 में मुकुल को जेल भिजवाया था.मुकुल अपनी नाबालिग प्रेमिका को लेकर घर से गायब हो गया था. मुकुल कुछ दिनों बाद जमानत पर जेल से बाहर आ गया.उसी समय से उसने बदला लेने की ठान ली थी.


कुछ दिन तो मुकुल शांत रहा, फिर उसने सोशल मीडिया एप के माध्यम से नाबालिग से बात करना शुरू कर दिया.एक-दो बार कॉलोनी में गार्ड ने मुकुल और नाबालिग लड़की के घूमने पर आपत्ति जताई तो उसने अपने पिता के अधिकारी होने का रसूख बताते हुए चुप करवा दिया. मुकुल नाबालिग से मुलाकात कर रोजाना यह जानकारी ले रहा था कि राजकुमार घर पर कब-कब रहता है. लड़की भी अपने घर की पल-पल की जानकारी उसको दिया करती थी.

पुलिस के मुताबिक राजकुमार की हत्या करने का प्लान मुकुल ने कई माह पहले बना लिया था.14 मार्च 2024 की रात को हत्या का सारा सामान इकट्ठा करने के बाद मुकुल अपने घर चला गया था.15 मार्च की सुबह करीब 8 बजे पीछे के दरवाजे से राजकुमार के घर पहुंचा.उस समय राजकुमार किचन
में खाना बना रहे थे.नाबालिग और तनिष्क कमरे में थे, घर में घुसते ही मुकुल ने राजकुमार के सिर पर भारी धारदार हथियार से हमला कर दिया.
पिता की चीख सुनते ही बेटा तनिष्क किचन में आया.तनिष्क आरोपी मुकुल के पैर से लिपटकर पिता के पास से दूर कर रहा था.तभी मुकुल ने तनिष्क के सिर और कंधे पर हमला कर उसकी हत्या कर दी.

अब इस हत्याकांड के दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं. दोनों ने हत्या करना कबूल कर लिया है.हत्या के पीछे मुख्य मकसद प्रेमिका के पिता को रास्ते से हटाना था लेकिन इस चक्कर में भाई को भी मौत की घाट उतार दिया गया.पुलिस अब दोनों के खिलाफ हत्या की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है. साथ ही हत्या में प्रयोग किया गया हथियार और इस फरारी के दौरान किन लोगों ने उनकी मदद की, इस बात की भी जांच पड़ताल की जा रही है.




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