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Jabalpur Drone Engineer News: जबलपुर के युवा इंजीनियर का कमाल, अब ड्रोन से खेतों में बुआई करेंगे किसान
जबलपुर के इंजीनियर अभिनव ठाकुर ने कृषि कार्य में उपयोग के लिए देश का सबसे बड़ा ड्रोन तैयार किया है. माढ़ोताल क्षेत्र में रहने वाले अभिनव ने ऐसा ड्रोन बनाया है, जो 30 किलो तक वजन उठाने की क्षमता रखता है.
Jabalpur Drone Engineer: वैसे तो खेती को लाभकारी बनाने के लिए देश के कृषि वैज्ञानिक लगातार नए-नए प्रयोग कर रहे हैं, जिसमें उन्नत बीज, खाद और कीटनाशक के साथ कृषि उपकरण भी बनाए जा रहे हैं. इन सबमें तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे लागत कम की जा सके. साथ ही उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जाए. दूसरी तरफ कृषि के परंपरागत तरीकों में भी काफी बदलाव आया है. इस बीच मध्य प्रदेश में जबलपुर का एक युवा इंजीनियर बीते 6 सालों से कृषि के नए तरीकों को विकसित करने में जुटा हैं.
इस बार इस युवा इंजीनियर ने बुआई के लिए ड्रोन का उपयोग करके हर किसी को हैरान कर दिया है. जबलपुर के इंजीनियर अभिनव ठाकुर ने कृषि कार्य में उपयोग के लिए देश का सबसे बड़ा ड्रोन तैयार किया है. माढ़ोताल क्षेत्र में रहने वाले अभिनव ने ऐसा ड्रोन बनाया है, जो 30 किलो तक वजन उठाने की क्षमता रखता है. इसमें एक टैंक फिट किया है, जिसमें धान या गेहूं के बीज को भरा जाता है और फिर खेत में उड़ाकर बीज को क्यारियों में छिड़का जाता है. अभिनव ने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी यानी बीएचयू के वैज्ञानिकों के आग्रह पर इसका प्रयोग मिर्जापुर के खेतों में करके दिखाया.
युवा ड्रोन इंजीनियर अभिनव ठाकुर ने बताया कि यूपी के अधिकतर जिलों में धान की कटाई होने के बाद ठंड का मौसम आ जाता है, जिससे वहां के खेत सूख नहीं पाते और ट्रैक्टर सीड ड्रिल से गेहूं की बुआई करना मुश्किल हो जाता है. गेहूं के बीज का छिड़काव किया जाता है, जिसमें कई तरह की परेशानियां भी आती हैं. इस समस्या की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अपने ड्रोन को मॉडिफाई किया, जिसमें टैंक के नीचे सीड ड्रिल के जैसे छेद वाली फनल यानी चाड़ी लगाई और इसी के माध्यम से नीचे खेत में बीज गिराया.
कृषि वैज्ञानिक ने इसे बताया खेती का भविष्य
इस डेमो के दौरान सैकड़ों किसान और कृषि वैज्ञानिक भी खेत में मौजूद थे, जिन्होंने इसे खेती का भविष्य बताया. अभिनव के मुताबिक इसके लिये किसान को ड्रोन ऑपरेट करने का ज्ञान होना जरूरी है. मोबाइल या टेब में गूगल मैप की मदद से खेत का नक्शा फीड किया जाता है, जिसके बाद एक बार स्टार्ट करने पर यह बीज या बैटरी खत्म होने तक खुद ही खेत के एरिया के अनुसार बुआई करता रहता है. बीज या बैटरी खत्म होने के बाद वापस अपनी जगह पर ऑटोमेटिक लैंड होकर रूक जाता है.
एक बार में तीस लीटर दवा या बीज का किया जा सकता है छिड़काव
अभिनव ने बताया कि इस ड्रोन को देश के किसानों की जरूरत को ध्यान में रखकर बनाया है. 4-5 साल की मेहनत और किसानों को जरूरत के मुताबिक इसकी डिजाइन और क्षमता का विकास किया गया है. यह देश का सबसे बड़ा खेती-किसानी में उपयोग में आने वाला ड्रोन है, जिससे एक बार में तीस लीटर दवा या बीज का छिड़काव किया जा सकता है. एक बार उड़ान भरने के बाद ड्रोन 6 हेक्टेयर का कवरेज देता है. यह कहा जा सकता है कि कम समय और कम खर्च में ड्रोन टेक्नोलॉजी से आधुनिक कृषि में क्रांति आ रही है.
'किसानों की सेहत के लिए भी अच्छा होगा ये ड्रोन'
वहीं अभिनव के साथी अनुराग चानना के मुताबिक किसानों की सेहत के लिए भी ड्रोन टेक्नोलॉजी बेहद उपयोगी साबित होने वाली है. अभिनव की कम्पनी के को-फाउंडर अनुराग चानना का मानना है कि किसान पूरे समय खतरनाक रसायन के बीच रहता है. उसे अपने हाथ से इन रसायनों का छिड़काव फसल में करना पड़ता है, लेकिन ड्रोन के माध्यम से वह बिना रसायन के संपर्क में आए दवा का उपयोग अपनी फसलों में कर सकता है.
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डॉ. अजय कुमारनेता, कांग्रेस
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