जबलपुर: जिला उपभोक्ता फोरम ने एक डॉक्टर को एक लाख रुपये हर्जाना चुकाने के आदेश दिए हैं. दरअसल डॉक्टर के गलत इलाज से मरीज की दोनों आंख की रोशनी चली गई थी. डॉक्टर ने दाईं आंख में तकलीफ का इलाज कराने आई मरीज की दोनों आंखों का ऑपरेशन कर दिया और इतनी लापरवाही बरती कि उसको दोनों आंखों से दिखाई देना बंद हो गया


डॉक्टर ने एक आंख की बजाय दोनों आखों का कर दिया ऑपरेशन


वहीं जिला उपभोक्ता फोरम में दायर वाद के मुताबिक अधारताल निवासी लता गिरी साल 2010 में प्रेम नगर स्थित दृष्टि नेत्र चिकित्सालय में बाईं आंख में तकलीफ का इलाज कराने गई थी. आई स्पेशलिस्ट डॉ एच एस रे ने लगातार पांच साल तक लता गिरी का इलाज किया. लेकिन इलाज में इस कदर लापरवाही बरती कि बाईं आंख के साथ बिना बताए दाईं आंख का भी ऑपरेशन कर दिया. धीरे-धीरे उनकी दोनों आंखों की रोशनी कम होती चली गई और कुछ समय बाद उन्हें पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो गया.


जिला उपभोक्ता फोरम ने चिकित्सक पर लगाया 1 लाख का जुर्माना


आवेदक लता गिरी की ओर से अधिवक्ता अरुण जैन ने पैरवी करते हुए कहा कि यह केस सीधे-सीधे सेवा में कमी का मामला है. वहीं सुनवाई के दौरान चिकित्सक की तरफ से किसी भी लापरवाही से इंकार किया गया. हालांकि फोरम के अध्यक्ष के के त्रिपाठी और सदस्य योमेश अग्रवाल ने डॉ एच एस रे को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए पीड़ित लता गिरी को एक लाख रूपये हर्जाना चुकाने के आदेश दिए है. इसके साथ ही सवा दो लाख रुपए इलाज खर्च और 5 हजार रुपए वाद व्यय चुकाने के निर्देश भी फोरम ने दिए हैं. वहीं दो माह के भीतर रकम न चुकाने पर 7 प्रतिशत मासिक ब्याज देय होगा.


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