Jabalpur News: जबलपुर का डुमना एयरपोर्ट (Dumna Airport Jabalpur) जल्द ही अंतराष्ट्रीय स्तर का हो जाएगा. इसे अत्याधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है. करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपए की लागत से जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम तेज गति से किया जा रहा है.यहां लंबा रनवे और नई टर्मिनल बिल्डिंग ( Terminal Building) बनाई जा रही है.


हवाई अड्डे के विस्तार पर सांसद का क्या कहना है


इस काम मे विशेष रुचि रखने वाले जबलपुर के सांसद राकेश सिंह का कहना है कि शहर की एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने और हवाई यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के मकसद को लेकर डुमना एयरपोर्ट के विस्तार का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जबलपुर का एयरपोर्ट देश के अत्याधुनिक एयरपोर्ट में शामिल हो रहा है. यहां 500 यात्रियों के प्रति घंटे आवागमन की क्षमता के हिसाब से सुविधाएं होंगी. इसके साथ ही एयरपोर्ट के रनवे का भी विस्तार किया गया है, जहां देश की बड़ी से बड़ी फ्लाइट भी लैंड कर सकेगी. इतना ही नहीं एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग में अत्याधुनिक रूफटॉप लगाए जा रहे हैं. खास बात यह होगी कि एयरपोर्ट की नई बिल्डिंग में भेड़ाघाट के मार्बल रॉक की छवि भी नजर आएगी. यानी आसमान से उतरते हवाई यात्री को जबलपुर की विश्व प्रसिद्ध पहचान एयरपोर्ट में हीं देखने को मिल जाएगी. इसके साथ ही एयरपोर्ट में तीन नए एयरोब्रिज बनाए जाएंगे, जिससे यात्री टर्मिनल बिल्डिंग से सीधे फ्लाइट में बोर्ड कर सकेंगे.


वही नवीनतम निर्माण में इस बात की भी गुंजाइश रखी जा रही है कि भविष्य में अगर जरूरत पड़ती है तो फिर जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का विस्तार किया जा सकेगा. राकेश सिंह का कहना है कि डुमना एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम मार्च 2023 तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मैंने उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर जबलपुर से जयपुर, सूरत वाराणसी और कोलकाता के लिए नई फ्लाइट शुरू करने की भी मांग की है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही जबलपुर से इन शहरों के लिए भी फ्लाइट शुरू हो जाएंगी. इससे जबलपुर के व्यापार जगत को फायदा होगा.


किसे मिली है काम की जिम्मेदारी


एएआई ने डुमना में नया टर्मिनल, एटीसी टावर और फायर स्टेशन बनाने की जिम्मेदारी दिल्ली की संस्था मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को सौंपी है.


आधुनिकीकरण कार्य में नई टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टॉवर और तकनीकी ब्लॉक, फायर स्टेशन श्रेणी VII, अन्य भवन और रनवे और संबंधित कार्यों का विस्तार शामिल है. राज्य सरकार ने 2015 में विकास कार्य के लिए कुल 775 एकड़ जमीन में से 468.43 एकड़ जमीन भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण (एएआई) को सौंप दी थी. विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं से लैस नए टर्मिनल भवन में भीड़भाड़ वाले समय के दौरान 500 यात्रियों से निपटने की क्षमता होगी. 1 लाख 15 हजार 180 वर्गफुट क्षेत्र में फैले टर्मिनल भवन में तीन एयरोब्रिज, सामान स्क्रीनिंग की आधुनिक प्रणाली, प्राकृतिक दृश्‍य के बीच आधुनिक फूड कोर्ट और 250 से अधिक कारों और बसों के लिए सुनियोजित कार पार्किंग होगी. 


नए बन रहे टर्मिनल भवन में यात्रियों को जीवंत गोंड चित्रों, स्थानीय हस्तशिल्प, भित्ति चित्रों और मध्य प्रदेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की झलक देखने को मिलेगी. नया भवन पर्यावरण अनुकूल चिरस्‍थायी सामग्री के साथ बनाया जाएगा और यह सौर संयंत्र और ऊर्जा कुशल उपकरणों से सुसज्जित होगा. एक कुशल ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली, बागवानी प्रयोजनों के लिए उपचारित जल का पुन: उपयोग और सतत शहरी जल निकासी प्रणाली के साथ वर्षा जल संचयन प्रणाली हवाई अड्डे की आधुनिकीकरण परियोजना की कुछ अन्य प्रमुख विशेषताएं हैं.


किस तरह के विमान अब उतर पाएंगे


इसमें नए टर्मिनल भवन के निर्माण के अलावा एयरबस 320 प्रकार के विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ के लिए हवाई अड्डे के रनवे का विस्तार, सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ 32 मीटर ऊंचे नए एटीसी टॉवर और तकनीकी ब्लॉक (जी 2) का निर्माण, फायर स्टेशन (श्रेणी- VII) और अन्य सहायक इमारतें जैसे उपयोगिता ब्लॉक, गेट हाउस आदि का निर्माण भी शामिल है.


यहां आने वाले यात्रियों के लिए कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, भेड़ाघाट में संगमरमर की चट्टानें और वाटर फॉल आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. हवाई अड्डा संपूर्ण मध्य प्रदेश, विशेषकर महाकौशल क्षेत्र की आवश्‍यकताओं को पूरा करेगा. नया आधुनिक जबलपुर हवाई अड्डा जबलपुर शहर के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इस क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगा.


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