Jabalpur News: जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट के लिए बनाई जा रही सड़क में वन्य प्राणियों की आवाजाही के लिए खास इंतजाम किये जा रहे है. यहां जबलपुर-नागपुर हाईवे के खवासा इलाके में बनाये गए वाइल्ड लाइफ अंडरपास की तरह ही वन्य जीवों के मूवमेंट के लिए रास्ता बनाया जाएगा. गौरतलब है कि इस सड़क पर वाहनों की टक्कर से जंगली जानवरों की मौत आम है. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (Rani Durgavati University) गेट से डुमना एयरपोर्ट (Dumna airport) तक जिस सड़क का विस्तार होना है उसमें जंगली जानवरों को आने से रोकने के लिए लोक निर्माण विभाग अतिरिक्त प्रबंध कर रहा है.
11 वाइल्ड लाइफ अंडरपास बनेंगे
सरकार ने इसके लिए लोक निर्माण विभाग को 4 करोड़ 36 लाख रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया है. इस राशि से सड़क में विशेष तौर पर 11 वाइल्ड लाइफ अंडरपास बनाए जाएंगे. उनमें इस तरह जाली लगाई जाएगी ताकि किसी भी तरह से जानवरों का मूवमेंट सड़क पर न हो सके. अंडरपास इस तरह बनाए जाएंगे कि जानवर इनका उपयोग कर एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जा सकें. एक्सपर्ट की राय लेकर जानवरों की सहजता के हिसाब से जाली लगाई जाएगी. अंडरपास ऐसे निर्माण किया जाएगा कि जंगली जानवरों की आवाजाही में सहायक बनें.
सड़क 50 फीट चौड़ी की जा रही
लोक निर्माण विभाग के एक्सक्यूटिव इंजीनियर शिवेन्द्र सिंह के अनुसार इस अतिरिक्त आवंटन से विशेष तौर पर अंडरपास के नजदीक जाली लगाने का कार्य किया जाना है. सरकार द्वारा अंडरपास के साथ जाली लगाने के लिए आवंटित किए अतिरिक्त साढ़े चार करोड़ रुपए, वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर उठाया जा रहा महत्त्वपूर्ण कदम है. बता दें कि यहां रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के गेट से एयरपोर्ट के गेट तक कुल 10.2 किलोमीटर की लंबाई में 60 करोड़ लागत से सड़क को सोल्डर सहित 50 फीट चौड़ा किया जा रहा है. यह फोरलेन का प्रारंभिक मानक है जिसमें दोनों तरफ 7-7 मीटर डामरीकृत सड़क होगी और बीच हिस्से में एक मीटर डिवाइडर होगा.
10 फीट ऊंची जाली लगेगी
वन्य प्राणी सड़क पर मूवमेंट न कर सकें इसके लिए अंडरपास के साथ सामान्य सड़क पर भी दोनों ओर 10-10 फीट की जाली लगाई जाएगी. एक्सपर्ट के अनुसार जैसे वाइल्ड लाइफ अंडरपास अभी जबलपुर-नागपुर हाईवे पर खवासा मोहगांव के बीच जंगली एरिया में बनाए गए हैं, उसी तरह का निर्माण यहां किया जाना है. रोड को इस तरह अंडरपास सहित बनाया जाएगा ताकि इसमें रात के वक्त यदि दोपहिया-चार पहिया वाहन से भी कोई हवाई अड्डे तक जाना चाहे तो जंगली जानवरों के सामने आने का भय कम रहे.
कमाल का है ईको-सिस्टम
गौरतलब है कि डुमना नेचर रिजर्व के आसपास इतने कमाल का ईको-सिस्टम है जो अपने आप में विरल है. जानकर हैरानी होगी कि डुमना की प्रकृति में ऐसे जीव-जंतु भी पाए गए हैं जिनकी प्रजाति दुनिया में और कहीं नहीं. यहां तेंदुआ, हिरन सहित तमाम जंगली जानवरों का प्राकृतिक रहवास है. प्रकृति प्रेमियों का तर्क है कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता से किसी सूरत में समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
जबलपुर के लिए ऑक्सीजन टैंक
जबलपुर से कई किमी दूर निकल जाने के बावजूद ऐसा सुकून नहीं मिल सकता है जो चंद दूरी पर स्थित डुमना की हरी-भरी वादियां और यहां का वन्य जीव देता है. सही मायने में कहा जाए तो यह जबलपुर के लिए ऑक्सीजन टैंक की तरह भी है. डुमना की अहमियत इसलिए भी और बढ़ जाती है क्योंकि यहां स्थित खंदारी जलाशय के रहमोकरम पर शहर की आधी आबादी की प्यास बुझती है. प्रकृति प्रेमी तथा पेशे से इंजीनियर रुद्राक्ष पाठक और हिमांशु गुप्ता का कहना है कि अगर प्रकृति का ख्याल नहीं रखा जाता है तो वह निर्मम भी हो सकती है.
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