Ashwagandha Farming: जबलपुर में अश्वगंधा की खेती कर किसानों ने चौंकाया, अधिकारी बोलीं- कभी कल्पना भी नहीं की थी
Jabalpur Ashwagandha Farming: जबलपुर के एक किसान ने खेती में नवाचार कर कृषि वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. उद्यानिकी अधिकारी नेहा श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में अश्वगंधा की कल्पना भी नहीं की गई थी.
Ashwagandha Farming in Jabalpur: जबलपुर के एक किसान ने खेती में नवाचार करके सबको चौंका दिया है. किसान ने जिले में पहली बार औषधीय गुणों से भरपूर अश्वगंधा की फसल उगाई है. औषधीय गुणों से भरपूर अश्वगंधा आयुर्वेद की प्रमुख जड़ी बूटी है. इसका इस्तेमाल इम्यूनिटी मजबूत करने समेत कई फायदों के लिए किया जाता है. अश्वगंधा के लिए एशिया की मंडी के रूप में नीमच और मंदसौर जिले का नाम अग्रणी है.
जबलपुर में अश्वगंधा की खेती करनेवालों को जलवायु के विपरीत होने की बात कहकर मना कर दिया जाता था. लेकिन कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के विपरीत अश्वगंधा की फसल लहलहा रही है. विकासखंड पाटन के ग्राम भरतरी में कुछ किसानों ने दस एकड़ में खेती कर सबको चौंका दिया है.
खेती में नवाचार के प्रयोग से उगाया अश्वगंधा
युवा किसान दुर्गेश पटेल ने खेती-किसानी में नवाचार कर दिखा दिया. किसान ने फसल को चैलेंज के रूप में लेते हुए पिछले साल एक एकड़ में पचास हजार की लागत से अश्वगंधा लगाया. अच्छी देखभाल के चलते दुर्गेश ने पांच माह की खेती से लगभग पांच क्विंटल अश्वगंधा की जड़, पौधों के भूसा (पंचांग) और बीज की उपज ऑनलाइन आयुर्वेदिक कंपनी को तीन लाख रुपए में बेचकर फायदा कमाया. खरीदने वाली कंपनी ने उपज की गुणवत्ता के लिए किसान की तारीफ भी की है. दुर्गेश कहते हैं कि इस फसल की खास बात है इसका बीज, जड़ और पेड़ से निर्मित भूसा, जिसे आयुर्वेद में पंचांग कहा जाता है, सब कुछ बिकता है.
1 एकड़ में डेढ़ लाख का हो सकता मुनाफा
जबलपुर की जलवायु के विपरीत बुलंद हौसले की बदौलत दुर्गेश पटेल और दोस्तों ने मिलकर भरतरी में प्लांटेशन को बढ़ावा देते हुए इस बार दस एकड़ की खेत में अश्वगंधा लगाया है. आज खेतों में बगैर केमिकल खाद के गुणवत्तापूर्ण फसल लहलहा रही है. उद्यानिकी अधिकारी नेहा श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में इस फसल की कल्पना भी नहीं की थी.
लेकिन भरतरी में खेती देखकर विकासखंड में अश्वगंधा के औषधीय प्लांटेशन की अपार संभावनाएं बढ़ गई हैं. अन्य किसान अगर खेती करने में रुचि लेते हैं तो विभाग से किसानों को अश्वगंधा बीज पर पचास प्रतिशत की छूट दिलाने का प्रयास किया जाएगा. दुर्गेश का कहना है कि अश्वगंधा की खेती से एक एकड़ में डेढ़ लाख तक का मुनाफा कमाया जा सकता है. इस सीजन की फसल तैयार हो गई है और मार्च के पहले हफ्ते से उखाड़ने का काम शुरू हो जाएगा. किसान दुर्गेश पटेल के मुताबिक अश्वगंधा हाथों-हाथ बिक जाता है.