जबलपुर सीट पर BJP और कांग्रेस के प्रत्याशी भरेंगे नामांकन, दोनों ओर से ये दिग्गज रहेंगे मौजूद
Jabalpur First Phase Election: कल 27 मार्च को जबलपुर के लिए खास रहने वाला है. दिग्गजों की मौजूदगी में दो प्रत्याशी नामांकन का पर्चा दाखिल करेंगे. दोनों प्रत्याशी रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन करेंगे.
MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश की जबलपुर संसदीय सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार कल बुधवार (27 मार्च) को नामांकन करेंगे. जबलपुर लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है. बाजे-गाजे के साथ दोनों प्रत्याशी नामांकन का पर्चा दाखिल करने निर्वाचन कार्यालय पहुंचेंगे. बीजेपी प्रत्याशी आशीष दुबे के नामांकन में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहेंगे. जबलपुर सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.
बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी भरेंगे पर्चा
वीआईपी नेताओं के साथ कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश यादव नामांकन का पर्चा दाखिल करने जाएंगे. बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे. बताते चलें कि जबलपुर में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस बार नए चेहरे पर दांव खेला है. जबलपुर संसदीय सीट पर पिछले चार चुनाव से बीजेपी का कब्जा है. इस बार पार्टी ने नए उम्मीदवार आशीष दुबे को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने भी पूर्व नगर अध्यक्ष और पूर्व नेता प्रतिपक्ष दिनेश यादव को मैदान में उतार कर ओबीसी कार्ड चला है. 1991 के बाद जबलपुर सीट पर दिनेश यादव को कांग्रेस को विजय दिलाने की चुनौती है.
बीजेपी महानगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की मौजूदगी में कल आशीष दुबे नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. नामांकन रैली सुबह 10 बजे शहीद स्मारक गोल बाजार से शुरू होगी. नगर कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ नाती शर्मा ने बताया कि दिनेश यादव की नामांकन रैली गढ़ा फाटक से सुबह 10 बजे निकलेगी. नामांकन रैली में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस सांसद विवेक तंखा भी मौजूद रहेंगे. शाम 7 बजे कांग्रेस की बैठक को प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव संबोधित करेंगे.
जानिए जबलपुर का सियासी समीकरण
गौरतलब है कि पहले आम चुनाव के बाद से 1974 तक जबलपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा. साल 1974 में शरद यादव ने पहली बार जबलपुर से लोकदल के टिकट पर चुनाव जीतकर कांग्रेस की जीत का तिलस्म तोड़ा था. 1977 में शरद यादव दूसरी बार जबलपुर सीट से सांसद बने. साल 1982 में पहली बार जबलपुर सीट पर बीजेपी का कमल खिला. बीजेपी प्रत्याशी बाबूराव परांजपे जबलपुर से सांसद बने. दो साल बाद 1984 में कांग्रेस ने जबलपुर सीट पर फिर से कब्जा कर लिया.
कर्नल अजय नारायण मुशरान ने आम चुनाव में बाबूराव परांजपे को पराजित कर दिया. 1989 के चुनाव में जबलपुर की सीट फिर बीजेपी का कमल खिल गया. साल 1991 के चुनाव में कांग्रेस को जबलपुर सीट पर जीत मिली. 1996 से जबलपुर बीजेपी का गढ़ बना हुआ है. राकेश सिंह लगातार चार बार जबलपुर के सांसद चुने गए. वर्तमान में राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा जैसे धुरंधर भी दो बार जबलपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गए. जबलपुर से बीजेपी नेता बाबूराव परांजपे तीन बार, जयश्री बैनर्जी एक बार और राकेश सिंह चार बार सांसद बने.
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