Jabalpur Crime News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर शहर (Jabalpur) में वन विभाग (Forest Department) ने कछुओं (Tortoise) को शोपीस बनाकर बेचने वाले तीन दुकानदारों के यहां छापेमारी की. इनके पास से संरक्षित प्रजाति के 14 कछुए जब्त किए गए हैं.वन विभाग द्वारा तीनों एक्वेरियम संचालकों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है.
वन विभाग ने शहर के विभिन्न स्थानों में संरक्षित प्रजाति के कछुए बेचे जाने की शिकायत पर शुक्रवार को छापामार कार्रवाई की. इस दौरान तीन एक्वेरियम सेंटर्स में छापा मारकर विलुप्त प्रजाति के करीब 14 कछुए जब्त किए हए हैं,जिन्हें वेटरनरी विभाग को सौंप दिया गया है. यहां कछुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.
इस संबंध में डिप्टी रेंजर अपूर्व शर्मा ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि शहर के कुछ एक्वेरियम सेंटरों में प्रतिबंधित कछुओं का विक्रय हो रहा है.इस सूचना पर टीम बनाकर शुक्रवार की दोपहर एक साथ तीन स्थानों पर छापा मारा गया.इस दौरान कटंगा स्थित एक्वा हार्ट एक्वेरियम सेंटर, सदर स्थित साहू एक्वेरियम सेंटर और शीला टाकीज स्थित एक अन्य एक्वेरियम सेंटर में छापा कार्यवाही की गई.इस दौरान तीनों सेंटरों से कुल 14 कछुए बरामद हुए.
कछुओं को बेचने की अनुमति नहीं
डिप्टी रेंजर शर्मा के मुताबिक जो कछुए बरामद हुए हैं. उन्हें बेचने या पालने की अनुमति नहीं है. यह कछुए जंगली और विलुप्त प्रजाति के हैं. ये नर्मदा नदी में पाए जाते हैं. इनका भोजन भी नदी में ही मिलता है, इसलिए इसे पालने की भी अनुमति नहीं है. उन्होंने बताया कि वेटरनरी की टीम को बुलाकर कछुए उनके सुपुर्द कर दिए गए हैं. इनके द्वारा कछुओं के स्वास्थ्य संबंधी जाँच की जा रही है. इसके साथ ही तीनों एक्वेरियम संचालकों के विरुद्ध मामला कायम कर जांच की जा रही है.
क्यों पाले जाते है कछुए
फेंगशुई और धार्मिक मान्यताओं में यह माना जाता है कि अपने घर या कार्यस्थल पर कछुआ रखना लाभकारी होता है.कछुआ रखने से व्यापार और परिवार के सदस्यों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. फेंगशुई विज्ञान के अनुसार, कछुआ रखने से घर के लोगों की आयु लंबी होती है. घर में सुख-शांति भी बनी रहती है. साथ ही यह बिजनेस के लिए भी शुभ होता है. इसी वजह से लोग जीवित या मेटल का कछुआ अपने घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में रखते हैं.
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