Madhya Pradesh News: मोबाइल पावर बैंक में गीली मिट्टी भर दी जाए तो क्या होगा. चौकिये मत, ये कोई वैज्ञानिक प्रयोग नहीं बल्कि नकली समान बेचने वाले शातिर गिरोह का नुस्खा है, जो वो पावर बैंक में हेवी बैटरी बैकअप का झांसा देने के लिए करते थे. जबलपुर रेलवे पुलिस की एसटीएफ ने चलती ट्रेनों में दुकान चलाने वाले इस गिरोह को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. 


अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो ना केवल अनजान व्यक्ति द्वारा दी जा रही खानपान की सामग्री से परहेज करें, बल्कि ट्रेनों में बिकने वाले मोबाइल गैजेट्स को भी खरीदने से पहले आपको कई बार सोचना चाहिए. दरअसल, जबलपुर एसटीएफ की टीम ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो नामी-गिरामी कंपनी की नकली मोबाइल एक्सेसरीज को ट्रेन में यात्रियों को बेचा करता था. इनकी धोखाधड़ी वाली कारगुजारियों का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि मोबाइल चार्ज करने में उपयोगी पावर बैंक के अंदर यह बेहद चालाकी से गीली मिट्टी डालकर उसे वजनी बनाकर बेचा करते थे.


जब्त किए गए ये समान
जबलपुर एसटीएफ के डीएसपी ललित कश्यप बताते हैं कि पकड़े गए पांच आरोपियों का नेटवर्क इलाहाबाद और जबलपुर के दो मोबाइल डीलरों से था. यहां से यह नकली मोबाइल एक्सेसरीज लेकर आते थे और उन्हें ब्रांडेड के नाम से ट्रेन में बेचा करते थे. इस पूरे मामले में एसटीएफ ने मुख्य आरोपी प्रदीप साहू, शोभित सोनकर, अंतिम सुनकर, ललित गोस्वामी और नानक कुमार दवानी को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने इनके कब्जे से 230 नग पावर बैंक, 65 नग चार्जर, 275 नग डाटा केबल, 50 नग मेमोरी कार्ड, 9 नग बैटरी, छह नग कंपनी के नकली लोगों, 65 ब्लूटूथ हेडफोन और 230 नग ईयरफोन जप्त किए हैं.


मंहगे दामों में बेचते थे नकली समान
यहां बताते चले कि मुख्य आरोपी प्रदीप साहू को रेलवे की ओर से मोबाइल एक्सेसरीज व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट ट्रेनों में बेचने का ठेका जिला सतना और जिला मानिकपुर के लिए मिला था, लेकिन इस ठग ने अपने गिरोह को कई रेलवे स्टेशनों में फैला कर रखा था. इसके लिए करीब 20 लड़के स्टेशन और ट्रेन में नकली मोबाइल एसेसरीज बेचा करते थे. आरोपी  पावर बैंक 150 रुपये प्रति पीस की दर से लड़को को बेचने के लिए दिया करता था और उस पावर बैंक को यह लड़के यात्रियों को 300 से लेकर 500 रूपये में बेचा करते थे.


इन धराओं में मामला दर्ज
खास बात यह है कि पावर बैंक के वजन को बढ़ाने के लिए उसमें गीली मिट्टी डाली जाती थी. इसके अलावा अन्य मोबाइल एक्सेसरीज को आरोपी जबलपुर के कृष्णा मोबाइल और सुंदरम मोबाइल से लाया करते थे. इनकी निशानदेही पर इन मोबाइल दुकानों पर भी छापा मारकर नकली सामग्री जप्त किए गए हैं. पकड़े गए पांचों आरोपियों के विरुद्ध धारा 420 और कॉपीराइट एक्ट की धारा 63 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. फिलहाल, पूरे मामले की छानबीन जारी है.



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