Madhya Pradesh Crime News: जबलपुर (Jabalpur) में आठ दिन पुराने एक 22 साल की लड़की के सुसाइड के मामले में पुलिस ने चचेरे भाई और भाभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. घटना के पीछे चचेरे भाई और भाभी की धोखाधड़ी और पिता के सपने के पूरा न कर पाना मुख्य वजह है. पुलिस ने लड़की के सुसाइड नोट के आधार पर चचेरे भाई को गिरफ्तार कर लिया है.
जबलपुर के सिहोरा तहसील के खितौला में एक किसान ने पैतृक सम्पत्ति बेचकर मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (एमपीपीएससी) की कोचिंग के लिए बेटी पलक को अपने भतीजे के पास इंदौर भेजा था. भाई-भाभी ने चाचा से मिले 8 लाख रुपए अपनी सुविधाओं में खर्च कर दिए और पलक को न कोचिंग कराई और न ही सपोर्ट किया. उल्टा वे उसे परेशान करते थे. इंदौर से घर लौटी पलक ने पिता का सपना पूरा न होने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. 6 पेज के सुसाइड नोट में पलक ने रेलवे में कार्यरत चचेरे भाई और भाभी से परेशान होने की दास्तान लिखी है.
पिता ने भतीजे और बहु के साथ बेटी को भेजा था इंदौर
खितौला पुलिस ने बताया कि वार्ड क्रमांक 17 सफरी मोहल्ला निवासी किसान प्रेमचंद गुप्ता की तीन बेटियां और एक बेटे में पलक (22) मझली संतान थी. प्रेमचंद की बड़ी बेटी का विवाह हो चुका है. बीए की पढ़ाई करने के बाद पलक ने माता-पिता से अफसर बनने की इच्छा जाहिर की थी. पिता ने पैतृक संपित्त बेचकर आठ लाख रुपए जुटाए थे. रेलवे में कार्यरत उनके भतीजे राजेश गुप्ता व उसकी पत्नी स्तुति ने प्रेमचंद को भरोसा दिया कि वे इंदौर में पलक को एमपीएससी की कोचिंग कराएंगे. बेटी का भविष्य संवारने प्रेमचंद ने भतीजा व बहू को आठ लाख रुपये देते हुए उनके साथ पलक को इंदौर भेज दिया.
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8 लाख रुपये खर्च कर चचेरे भाई ने अपनी सुविधाओं पर किए खर्च
पुलिस के मुताबिक राजेश व स्तुति गुप्ता ने प्रेमचंद से मिले 8 लाख रुपए अपनी सुविधाओं पर खर्च कर दिए और पलक को किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट में न भर्ती कराया और न ही उसे परीक्षा की तैयारी में सपोर्ट किया. वहीं पलक को आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान किया जाने लगा. भाई-भाभी की हरकतों से परेशान पलक इंदौर से खितौला अपने पिता के पास वापस आ गई. 15 अप्रैल की रात उसने 6 पेज का सुसाइड नोट लिखकर भाई-भाभी के व्यवहार की हकीकत लिखी और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में पलक ने अपनी मौत के लिए राजेश व स्तुति को जिम्मेदार ठहराया है.
4 भाई बहनों में दूसरे नंबर की बेटी थी पलक
बताया जाता है कि घटना वाले दिन घर में छोटा भाई पीयूष कमरे के बाहर घूम रहा था, तभी उसकी नजर पलक के कमरे में लगे विंडो कूलर पर पड़ी जो बंद था. पीयूष ने कूलर बंद होने का पता लगाने खिड़की से झांका तो पलक फांसी के फंदे पर लटक रही थी. आवाज देने पर परिवार के सदस्यों ने दरवाजा तोड़कर पलक को फंदे से उतारा और अस्पताल ले गए लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर चचेरे भाई राजेश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया जबकि उसकी पत्नी स्तुति फरार हो गई है.
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