MP News: जबलपुर (Jabalpur) हाईकोर्ट (High Court) ने निर्देश के बावजूद अवैध धर्मस्थल ना हटाने पर सख्त नाराजगी दिखाई है. कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि 15 जुलाई को इस मामले में अगली सुनवाई होगी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को शेष बचे अवैध धार्मिक स्थलों की सूची पेश करने के लिए भी कहा है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जबलपुर बेंच ने याचिकाकर्ता एडवोकेट सतीश वर्मा की लंबे समय से पेंडिंग अवमानना याचिका पर सुनवाई किया. कोर्ट ने जबलरपुर में यातायात में बाधक उन धार्मिक स्थलों की सूची पेश करने कहा है, जिन्हें पूर्व आदेशों के तहत अभी तक नहीं हटाया गया है.
याचिकाकर्ता वकील ने ये दलील दी
चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने इसके लिए अवमानना याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा को 15 जुलाई तक का समय दिया है. अधिक्ता वर्मा ने दलील दी कि हाईकोर्ट द्वारा अवैध धर्म स्थलों के खिलाफ दायर जनहित याचिका में पारित आदेश के बावजूद कई ऐसे अवैध धर्म स्थल हैं, जिन्हें अभी तक नहीं हटाया गया है. यही नहीं, कुछ जगहों पर नए सिरे से अवैध धर्मस्थल बन गए हैं और कुछ नए धर्मस्थल भी अस्तित्व में आ गए हैं. इससे सड़क चौड़ीकरण, नाली निर्माण या फुटपाथ बनाने में विलंब हो रहा है. उन्होंने बताया कि कैंटोनमेंट, रेलवे और आर्मी एरिया के अवैध निर्माण भी कलेक्टर की उदासीनता के कारण नहीं हटाए जा सके हैं.
कोर्ट ने अवैध धर्म स्थलों की सूची मंगवाई
याचिकाकर्ता ने बताया कि ओमती में एक मजार, दमोहनाका में हनुमान मंदिर सहित लंबे समय से यातायात में बाधक बन रहे धार्मिक स्थलों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हाईकोर्ट ने तर्क सुनने के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए शेष अवैध धर्म स्थलों की सूची पेश करने के आदेश दिए.
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