MP Lawyers Strike: हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी मध्य प्रदेश में वकीलों की हड़ताल आज (27 मार्च) को भी जारी है. रविवार को स्टेट बार काउंसिल की बैठक में हड़ताल जारी रखने के फैसला लिया गया था. हालांकि, शुक्रवार को हड़ताल को गैरजरूरी बताते हुए हाईकोर्ट की ओर से स्टेट बार काउंसिल समेत प्रदेश के सभी 230 वकील संघों को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन इसका वकीलों पर कोई असर नहीं हुआ.
मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल के सदस्य वाइस चेयरमैन आरके सैनी का कहना है कि वकीलों ने फिलहाल हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है. क्योंकि हाईकोर्ट प्रशासन तानाशाही पर उतर आया है. वकीलों को आश्वासन देने के बावजूद भी हाईकोर्ट ने अपने विसंगति पूर्ण आदेश को वापस नहीं लिया. इस बीच स्टेट बार काउंसिल की एक कमेटी सुप्रीम कोर्ट के जज जेके माहेश्वरी से मुलाकात करने दिल्ली पहुंची. अब प्रदेश के तमाम वकील संघों से इस बारे में राय मांगी गई है. सैनी के मुताबिक आज (27 मार्च) शाम को एक बार फिर स्टेट बार काउंसिल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा.
हाईकोर्ट की चेतावनी के बाद भी हड़ताल जारी
आरके सैनी ने कहा कि हाईकोर्ट के द्वारा प्रतिवाद दिवस को लेकर प्रदेश के सभी वकील संघों को देर रात नोटिस जारी करना कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है. स्टेट बार काउंसिल जल्द ही नई रणनीति बनाकर आगे कार्रवाई करेगी. हाईकोर्ट ने इस नोटिस में वकील संघों और उनके सदस्यों को काम पर वापस लौटने की चेतावनी देते हुए कहा था कि प्रतिवाद दिवस जारी रहा तो इसे कोर्ट की अवज्ञा मानी जाएगी.
बता दें कि मध्य प्रदेश में हाई कोर्ट द्वारा पांच साल पुराने 25 मामलों को 3 माह के अंदर निराकृत करने का आदेश निचली अदालतों को जारी किया गया. इस आदेश से वकील समुदाय में भारी आक्रोश है, जिसके खिलाफ वकील हड़ताल कर रहे हैं.
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