Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के करीब साढ़े 16 हजार होमगार्ड जवानों के लिए जबलपुर (Jabalpur) हाईकोर्ट से राहत भरा फैसला आया है. हाई कोर्ट ने होमगार्ड्स की ड्यूटी में कॉल ऑफ देने के नियम में किए संशोधन पर अंतरिम रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने प्रमुख सचिव गृह, होमगार्ड्स और सिविल डिफेंस के महानिदेशक, अतिरिक्त कमांडेंट जनरल होमगार्ड्स व जिला कमांडेंट होमगार्ड्स, रीवा से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि याचिकाकर्ता होमगार्ड्स कॉल ऑफ के बिना ड्यूटी जारी रखेंगे.
यहां बता दें कि रीवा होमगार्ड्स में पदस्थ विनोद कुमार शर्मा, घनश्याम पांडे समेत 14 होमगार्ड्स ने याचिका दायर कर सरकार द्वारा 27 सितंबर 2022 को होमगार्ड रूल्स 2016 में किए गए संशोधन को चुनौती दी है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने इस संशोधन के जरिए एक साल में दो माह के कॉल ऑफ को बदलकर 3 साल में 3 माह का कॉल ऑफ कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
गौरतलब है कि साल 2010 में होमगार्ड्स कर्मचारियों द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर में याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे साल काम देने और अन्य अनुतोष की प्रार्थना की गई थी. साल 2011 में हाई कोर्ट द्वारा मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया गया था कि वह होमगार्ड्स के सेवा नियम बनाए और उन्हें पूरे साल काम पर रखा जाए. इस आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के आदेश को यथावत रखा.
हाई कोर्ट ने लगाया स्टे
इसके बाद सरकार ने साल 2016 में नियम बनाए और आदेश के विपरीत फिर से साल में दो महीने का बाध्य कॉल ऑफ का प्रावधान रख दिया. इसे लेकर कई याचिकाएं हाई कोर्ट में लंबित हैं. साल 2020 में होमगार्ड विभाग द्वारा फिर से बाध्य कॉल ऑफ का आदेश जारी किया गया, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. हाई कोर्ट ने विभाग के आदेश पर स्टे लगा दिया. जब विभाग ने आदेश का पालन नहीं किया तो अवमानना याचिकाएं प्रस्तुत की गईं.
सरकार तैयार थी साल भर काम देने को
राज्य सरकार ने 17 दिसंबर 2021 को हाई कोर्ट में अंडरटेकिंग दी थी. याचिकाओं के पूर्ण निराकरण तक होमगार्ड जवानों को पूरे साल काम दिया जाएगा. इतना ही नहीं जिन होमगार्ड्स को पहले दो महीने का कॉल ऑफ दिया गया था, उन्हें भी बकाया वेतन दिया जाएगा. तब सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका का निराकरण कर दिया था.
सरकार ने भी वाहवाही लूटने के लिए ऐलान किया था कि होम गार्ड जवानों को काल ऑफ नहीं दिया जाएगा. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में होमगार्ड के स्थापना दिवस पर यह घोषणा की थी लेकिन अब नियमों में संशोधन करके सरकार होमगार्ड जवानों को घर बिठाने का नया रास्ता तलाश रही है.