High Court Hearing on Electricity Tariff: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)  के बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) पर आर्थिक रूप से बोझ डालने वाले सरकार के एक फैसले को जबलपुर हाई कोर्ट (High Court) में चुनौती दी गई है. इस मामले से जुड़ी जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि राज्य में हर महीने बिजली के दाम तय करने का आदेश क्यों और किस नियम के तहत जारी किया गया है? सरकार को चार हफ्ते में अपना जवाब देना है.


एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने मध्य प्रदेश शासन और मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पी जी नाजपांडे ने याचिका दायर कर बताया कि मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने 17 मार्च 2023 को यह आदेश जारी किया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि आयोग का उक्त आदेश विद्युत अधिनियम की धारा 62 (4) के खिलाफ है. उन्होंने बताया कि धारा 62 (4) के तहत विद्युत दरों का निर्धारण पूरे वर्ष में केवल एक ही बार करने का प्रावधान है. इसके साथ ही हाई कोर्ट को बताया गया कि नियामक आयोग ने संशोधन कर ईंधन लागत के साथ ऊर्जा लागत को भी जोड़ दिया है.अब मासिक आधार पर फ्यूल चार्ज तय करने और वसूलने के आदेश जारी किए गए हैं. इस वर्ष की विद्युत दर का निर्धारण 21 दिसंबर 2022 को जारी सार्वजनिक सूचना में केवल ऊर्जा लागत के आधार पर किया जाना चाहिए था. इसी आधार पर जनवरी 2023 में जन सुनवाई भी हुई थी.याचिका में मांग की गई कि मासिक आधार पर बिजली के दाम तय करने के आदेश को असंवैधानिक घोषित किया जाए.


ये है बिजली की बढ़ी हुई दर
यहां बता दे कि एक अप्रैल 2023 से ही मध्य प्रदेश के लोगों पर महंगी बिजली की मार पड़ी थी.राज्य विद्युत नियामक आयोग ने घरेलू बिजली दर में 6 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी कर दी थी. बिजली विभाग से रिटायर इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल के मुताबिक नई दरें लागू होने के बाद घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के बिल में चारों स्लैब में 6 पैसे प्रति यूनिट का अंतर आ गया है. महीने भर में 300 यूनिट खपत करने वाले बिजली उपभोक्ताओं को अब बिल में 38 रुपए ज्यादा देने पड़ रहे हैं. वहीं, 200 यूनिट खपत वालों को 25 रुपए ही ज्यादा देना पड़ रहा है.


घरेलू समेत सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को मिलाकर दरों में कुल मिलाकर 1.65% की बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही फिक्स चार्ज भी बढ़ाया गया है.30 यूनिट बिजली खपत वालों से मिनिमम चार्ज नहीं लिया जा रहा है.डोमेस्टिक केटेगरी के उपभोक्ताओं को मिनिमम चार्ज पहले की तरह 139 देना पड़ रहा है. 0 से 50 यूनिट तक की दर 4.21 रुपये से बढ़ाकर 4.27 रुपये कर दी गई है. 51 से 150 यूनिट तक की दर 5.17 रुपये से बढ़ाकर 5.23 रुपये कर दी गई है. 151 से 300 यूनिट तक दर 6.55 रुपये से बढ़ाकर 6.61 रुपये कर दी गई है. 300 यूनिट से ज्यादा खपत वाले उपभोक्ताओं के लिए दर 6.74 रुपये से 6.80 रुपये कर दी गई है.


य़े भी पढ़ें-


Weather Today: मध्य प्रदेश के खुजराहो में गर्मी ने बनाया नेशनल रिकॉर्ड, राजस्थान में आज इन जिलों में बारिश के आसार