Jabalpur Central Jail: जबलपुर सेंट्रेल जेल में शातिर तरीके से जेल प्रहरी ही कर रहा था गांजे की तस्करी, चेकिंग में पकड़ा गया
Ganja in Jabalpur Central Jail: जबलपुर की सेंट्रल जेल में एक जेल प्रहरी ही कैदियों के बीच गांजे की सप्लाई कर रहा था. चेकिंग के दौरान उसे पकड़ लिया गया है. मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.

Jabalpur News: जबलपुर की सेंट्रल जेल में कैदियों को गांजा की सप्लाई हो रही थी. कैदियों को गांजा पहुंचाने का काम जेल का ही एक प्रहरी करता था. पकड़े जाने के बाद प्रहरी को सस्पेंड कर दिया गया है. मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है जिससे जेल प्रशासन के निर्णय पर कई सवाल भी उठ रहे हैं.
जेल प्रहरी से सर्चिंग के दौरान 10 पुड़िया गांजा बरामद
जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेन्ट्रल जेल में उस समय हड़कंप मच गया जब नाइट शिफ्ट में ड्यूटी के लिए पहुंचे एक जेल प्रहरी से सर्चिंग के दौरान 10 पुड़िया गांजा बरामद हुआ. पकड़े जाने के बाद आरोपी प्रहरी ने चेकिंग स्टाफ से विवाद करते हुए भागने का प्रयास किया लेकिन उसे दबोच लिया गया. चेकिंग स्टाफ ने पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी की और अधिकारियों को भेज दी. जेल परिसर में लगे कैमरे जेल मुख्यालय से लिंकअप हैं इसलिए मामले ने तूल पकड़ लिया. भोपाल के जेल अफसरों ने तत्काल जबलपुर जेल अधीक्षक समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए. बाद में आरोपी प्रहरी को सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं.
जेल में किस तरीके से लाया जाता था गांजा?
जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने बताया कि सेन्ट्रल जेल में रात्रि पहरे के लिए प्रहरी राजेन्द्र राठौड़ की ड्यूटी थी. सोमवार की रात राजेन्द्र जैसे ही जेल गेट के अंदर पहुंचा तो चेकिंग कर रहे प्रहरी बिंद विश्वकर्मा ने उसकी तलाशी ली. तलाशी के दौरान राजेन्द्र के बेल्ट के बक्कल में एक कागज की पुड़िया बाहर निकली हुई दिखी. बिंदू को शक हुआ और उसने राजेन्द्र से बैल्ट उतारने के लिए कहा, लेकिन राजेन्द्र ने विवाद शुरू कर दिया. इसी बीच चेकिंग स्टाफ के दूसरे प्रहरियों ने राजेन्द्र को घेरकर पकड़ा और बेल्ट उतारकर चेक किया तो बेल्ट में डबल लेयर मिली, जिसके अंदर से एक के बाद एक 10 गांजे से भरी पुड़िया निकली. इस घटना के बाद प्रहरी राजेन्द्र को सस्पेंड करके विभागीय जांच के आदेश दिए गए है.
कितनी है पकड़े गए गांजे की कीमत ?
बताया जाता है कि जेल के अंदर गांजे की एक पुड़िया एक हजार रुपए में बिकती है. इसलिए राजेन्द्र के पास से जब्त की गई 10 पुड़ियों की कीमत 10 हजार रुपए आंकी गई है. करीब 6 वर्ष पूर्व दो जेल प्रहरियों के कब्जे से दो-दो पुड़िया गांजा जब्त होने पर उनके खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी लेकिन इस मामले में आरोपी प्रहरी राजेन्द्र राठौड़ का सिर्फ निलंबन होना जेल प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहा है.
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