Jabalpur News: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग पहुंचा पराली जलाने का मामला, याचिकाकर्ता ने की कार्रवाई की मांग
जबलपुर: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में अहम याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि कुछ लोगों के लिए कानून में परिवर्तन करोड़ों लोगों के मानव (Human Rights) अधिकारों का उल्लंघन है.
जबलपुर: खेतों में पराली (Parali) जलाने को अब प्रदूषण (Pollution) के कानून के बाहर ला दिया गया है. जिससे करोड़ों लोगों की जान से खिलवाड़ होगा. इस दलील के साथ एक महत्वपूर्ण याचिका राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission) में दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि कुछ लोगों के लिए कानून में परिवर्तन करोड़ों लोगों के मानव (Human Rights) अधिकारों का उल्लंघन है.
पराली जलाने की घटना अपराध दायरे के बाहर
पर्यावरण अधिकारों के लिए लड़ने वाली संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉक्टर पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव द्वारा दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि खेतों में पराली जलाने को प्रदूषण कानून में उल्लेखित अपराध की धारा से बाहर कर दिया गया है. इस संबंध में किसान संगठनों को केंद्र सरकार द्वारा एक लिखित पत्र 8 दिसंबर 2021 को दिया गया है. सरकार के इस पत्र से साफ है कि अब पराली जलाने की घटना अपराध के दायरे में नहीं आएगी. तो अब किसान बिना किसी रोक-टोक के बेखौफ होकर पराली जलाएंगे.
सजा का प्रावधान ना होने पर बढ़ेगा प्रदूषण
आंकड़े बताते हैं कि साल 2019-2020 में करीब 10 करोड़ टन पराली और कृषि अपशिष्ट जलाया गया था. पूर्व के कानूनों में इसमें पेनाल्टी और सजा का प्रावधान था. लेकिन अब इस कानूनी प्रावधान को बदला जा रहा है, जिससे वायु प्रदूषण और अधिक बढ़ेगा.
16 लाख 70 हज़ार लोगों की हुई मौत
याचिकाकर्ता के मुताबिक चिंताजनक बात यह भी है कि लगातार वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ रही है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 की रिपोर्ट का हवाला भी दिया है जो बतलाती है कि वर्ष 2019 में 16 लाख 70 हज़ार लोगों की मृत्यु वायु प्रदूषण से हुई थी. याचिकाकर्ता के मुताबिक जल्द ही इस मामले पर सुनवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें-
J &k News: लद्दाख में इस दिन पूर्ण बंद का आह्वान, संवैधानिक सुरक्षा समेत ये हैं मांगें