Madhya Pradesh News: जबलपुर (Jabalpur) के नगर पालिका सिहोरा (Municipality Sihora) में सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever) रोग की पुष्टि होने से हड़कंप मचा हुआ है. जबलपुर कलेक्टर ने सावधानी बरतने के लिए कहा है और कई प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं. इसमें सूअरों को मारने के निर्देश भी हैं. कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सौरभ कुमार सुमन ने नगर पालिका सिहोरा के मोती वार्ड और सावरकर वार्ड में सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर रोग की पुष्टि होने को गंभीरता से लिया है. प्रतिबंधात्मक आदेश में यहां के सूअर पालन स्थलों को एपिसेन्टर घोषित किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने इन स्थलों के एक किलोमीटर की परिधि को इन्फेक्टेड जोन और इस जोन के आस-पास की 9 किलोमीटर की परिधि को सर्विलांस जोन घोषित किया है.
क्या कहा गया आदेश में
कलेक्टर (Jabalpur Collector) द्वारा संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए द प्रीवेंसन एण्ड कंट्रोल ऑफ इन्फेक्शियस एंड कन्टेजियस डिजीज इन एनीमल एक्ट 2009 में प्रदत्त शक्तियों और नेशनल एक्शन प्लान फॉर कंट्रोल कंटेनमेण्ट एण्ड इरेडिक्शन ऑफ अफ्रीकन फीवर के निहित प्रावधानों के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि इन्फेक्टेड जोन में पाये जाने वाले सभी सूअर आश्रयों में सूअरों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी.
आवाजाही रोकी गई
प्रतिबंधात्मक आदेश में विगत 30 दिवस में हुए सूअरों के परिवहन संबंधी विवरण एकत्रित कर अन्य संभावित रोग उदभेद क्षेत्रों को चिन्हांकित करने के निर्देश दिये गये हैं. आदेश में इन्फेक्टेड जोन में पाये जाने वाले सभी सूअर आश्रयों के सूअर मालिकों और संपर्क में आये अन्य व्यक्तियों की आवाजाही भी पूरी तरह रोक दी गई है. साथ ही इन्फेक्टेड परिसर के सभी वाहनों का विसंक्रमण करने और इन्फेक्टेड जोन के सूअरों का मानवीय विधि से वध करने के आदेश दिये गये हैं.
मांस बिक्री पर रोक
आदेश में कहा गया है कि मृत सूअरों के शरीर को यथासंभव इन्फेक्टेड परिसर में ही निष्पादित किया जायेगा. आदेश में सूअर विपणन और सूअर मांस इत्यादि के क्रय-विक्रय को भी पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है. प्रतिबंधात्मक आदेश में राजस्व, नगर पालिका परिषद और पशु पालन विभाग के अमले को डोर-टू-डोर सूअर पालकों से सूअरों की संख्या संकलित करने और किलिंग के लिए पशुओं का चिन्हांकन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि इन्फेक्टेड परिसर की साफ-सफाई और विसंक्रमण किया जाये. पशुपालन विभाग को निर्देशित किया गया है कि इन्फेक्टेड जोन और सर्विलान्स जोन के लिए अलग-अलग दल गठित करें और यह भी सुनिश्चित करें कि इन्फेक्टेड जोन में कार्यरत क्षेत्रीय अधिकारी सर्विलांस जोन में न जायें.
अचानक होती है मौत
कलेक्टर ने यह प्रतिबंधात्मक आदेश सूअरों में रोग उदभेद की सूचना और राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल को प्रेषित नमूनो में अफ्रीकन स्वाईन फीवर रोग की पुष्टि होने के बाद जारी किया है. यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. अफ्रीकी स्वाइन फीवर में सूअरों की मौत अचानक हो जाती है. जानवरों में बुखार के लक्षण मिलते हैं, वे खाना बंद कर देते हैं और जल्द ही मर जाते हैं. फिलहाल अभी तक इस बीमारी के खिलाफ कोई टीका विकसित नहीं किया जा सका है. अफ्रीकी स्वाइन फीवर घरेलू और जंगली सूअरों में होने वाली एक अत्यधिक संक्रामक रक्तस्रावी वायरल (Haemorrhagic Viral) बीमारी है. यह पहली बार वर्ष 1920 के दशक में अफ्रीका में पाया गया था
रोग के अन्य लक्षण-
• तेज बुखार
• अवसाद
• एनॉरेक्सिया
• भूख में कमी
• त्वचा में रक्तस्राव
• डायरिया