MP OBC Reservation: मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में 27% आरक्षण देने के मामले पर आज जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में ओबीसी की जनसंख्या से संबंधित डाटा पेश करने के लिए मोहलत मांगी गई. इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार (Government of Madhya Pradesh) को 4 हफ्तों की मोहलत दी है और मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को तय की गई है.


सरकार के वकील ने क्या कहा
दरअसल महाधिवक्ता द्वारा हाईकोर्ट में कहा गया कि सरकार ओबीसी वर्ग से संबंधित डाटा हाई कोर्ट में पेश करना चाहती है. ओबीसी मामलों पर सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए नियुक्त किए गए शासकीय अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह का कहना है कि सरकार पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा हाल ही में प्रदेश भर के तकरीबन 48 जिलों से अन्य पिछड़ा वर्ग का डाटा कलेक्ट किया गया है, जो 7 बिंदुओं के आधार पर जुटाया गया है.


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कमलनाथ सरकार है 27% आरक्षण के पक्ष में
बता दें कि मध्यप्रदेश में सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक पिछड़ापन के आधार पर ओबीसी वर्ग का डाटा जुटाया गया है. संभवतः बिसेन आयोग द्वारा जुटाए गए इसी डाटा को हाईकोर्ट में सरकार पेश करेगी. इसके पहले कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में बताया था कि प्रदेश में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या 50% से ज्यादा है और इसीलिए ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देना चाहिए.


डाटा के आधार पर तय होगा आरक्षण
फिलहाल सरकार ने डाटा पेश करने के लिए हाईकोर्ट से मोहलत मांगी है. अब 27 अप्रैल को यह साफ हो पाएगा सरकार ओबीसी वर्ग से संबंधित किस तरह का डाटा हाई कोर्ट में पेश करने जा रही है क्योंकि इसी डाटा के आधार पर आने वाले समय में ओबीसी वर्ग का आरक्षण तय हो सकता है.


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