MP News: एमपी सरकार के इस रवैये से नाराज हुआ हाईकोर्ट, कहा CBI या SIT को सौंप देंगे जांच, जानें-पूरा मामला
Jabalpur News: चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि बार-बार जांच कमेटी बदलने से सरकार का ढुलमुल रवैया नजर आ रहा है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशिएलिटी अस्पताल में हुई आग लगने की दुर्घटना (Fire Incident) की जांच में बरती जा रही गंभीर लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने सरकार के रवैये पर सख्त नाराजगी जाहिर किया है. चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि बार-बार जांच कमेटी बदलने से सरकार का ढुलमुल रवैया नजर आ रहा है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे में मामले की जांच सीबीआई (CBI) या एसआईटी (SIT) को सौंप दी जाएगी. बता दे कि नियम विरुद्ध चल रहे इस अस्पताल में आग लगने के हादसे में आठ लोगों जानें चली गईं थीं.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को क्या बताया
याचिकाकर्ता की ओर से एक अन्य आवेदन और दस्तावेज पेश कर कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने रातों-रात अपना पूर्व आदेश बदल दिया. पूर्व आदेश में जांच के दौरान भवन का बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट जांचा जाना अनिवार्य किया गया था. उसके स्थान पर घटना के दूसरे दिन 3 अगस्त को आदेश जारी कर बिल्डिंग परमिशन शब्द को रख दिया गया, जिससे निजी अस्पतालों को जांच टीम के समक्ष अब अपनी बिल्डिंग के कम्प्लीशन सर्टिफिकेट पेश करने की आवश्यकता ही नहीं होगी. इससे बगैर बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के चल रहे अस्पताल कार्रवाई से बच जायेंगे. मामले की जांच में बार-बार कमेटी बदल-बदलकर बताने के रवैये को लेकर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की.
सीएमएचओ की दागी कमेटी निरस्त
सरकार की ओर से जवाब में बताया गया कि, हादसे के बाद सीएमएचओ द्वारा बनाई गई कमेटी को निरस्त कर दिया गया है. जबलपुर कलेक्टर ने 12 अगस्त को एक नई टीम का गठन किया है. यह टीम जबलपुर जिले के 136 निजी अस्पतालों की हर स्तर से जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा टी को देगी. टीम में ननि के फायर सेफ्टी ऑफिसर, इलेक्ट्रिक ऑडिट ऑफिसर के अलावा जिला चिकित्सालय की डॉ. अमिता जैन, जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण अहरवाल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन के बीएमओ डॉ. आदर्श विश्नोई शामिल हैं.
घटनाक्रम का क्रमवार ब्यौरा मांगा
अतिरिक्त महाधिवक्ता भरत सिंह ने राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र पेश किया. उन्होंने बताया कि न्यू लाइफ हॉस्पिटल को पंजीयन के पूर्व निरीक्षण में क्लीन चिट देने के मामले में दो चिकित्सक एलएन पटेल और निशेष चौधरी को निलंबित कर दिया गया है. ये दोनों डॉक्टर अग्नि हादसे की जांच कमेटी में भी शामिल हो गए थे. उस समय नर्सिंग होम शाखा की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ. कमलेश वर्मा को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा गया. इस पर कोर्ट ने अग्निकांड के बाद उठाये गये सभी कदमों और घटित सम्पूर्ण घटनाक्रम का शपथ पत्र पर क्रमवार ब्यौरा मांगा. अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी.
दो डायरेक्टर अभी भी फरार
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मप्र के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने जबलपुर में चल रहे नियम विरुद्ध संचालित निजी अस्पतालों को लेकर यह जनहित याचिका दायर की है. गौरतलब है कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल के दो डायरेक्टर अभी फरार हैं. डॉ सुरेश पटेल और डॉ निशिंत गुप्ता पर इनाम घोषित करके पुलिस भी भूल चुकी है. वे आईएमए की मदद से अग्रिम जमानत के प्रयास में हैं लेकिन पुलिस की पकड़ से दूर हैं. इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.