Chhath Puja 2022: जबलपुर में छठ का उत्साह, मेयर का निर्देश- घाटों पर साफ सफाई और लाइट की सही व्यवस्था हो
Chhath 2022: जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने पूजा स्थलों का अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि, इस बात का ध्यान रखें कि सफाई और प्रकाश की व्यवस्था उत्तम रहे.
Chhath Puja: उत्तर भारत खासकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) का प्रमुख त्योहार छठ महापर्व आज 28 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है. यह पर्व शाम को पावन नदी एवं तालाबों के किनारे भगवान सूर्य की उपासना के बाद नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. चार दिनी व्रतोत्सव का समापन 31 अक्टूबर को सुबह उगते सूर्य की उपासना के बाद होगा. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में भी बड़ी संख्या में इस त्योहार को मनाने वाले उत्तर भारतीय रहते है, जिनके लिए नगर निगम द्वारा समुचित व्यवस्था की जा रही है. नगर निगम द्वारा 18 पूजा स्थलों, घाटों एवं तालाबों के आसपास छठ महापर्व पर विशेष तैयारियां कराई जा रही हैं.
जबलपुर में उत्साह का माहौल
चार दिवसीय महापर्व की शुरूआत आज 28 अक्टूबर को शाम को नहाय-खाय से प्रारंभ होगा. इस दौरान व्रती महिलाएं या पुरुष स्नान करके बिना नमक का भोजन ग्रहण करेंगे. कल यानी 29 अक्टूबर को खरना (गुड़ की खीर) का भोग लगाकर ग्रहण किया जाएगा. 30 अक्टूबर को ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतधारी नदी या तालाब के किनारे ही गाते-बजाते और पूजा-पाठ करते हुए रात गुजारेंगे. 31 अक्टूबर को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाएगा. जबलपुर में उत्तर प्रदेश और बिहार के तकरीबन एक लाख लोग निवास करते हैं. इसके चलते यहां भी इस त्योहार को लेकर जबरदस्त उत्साह का माहौल रहता है.
महापौर ने दिए ये निर्देश
छठ महापर्व की तैयारियों का महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को तैयारियों के लिए आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने नर्मदा तट ग्वारीघाट के साथ मानेगांव, गुलौवा चौक सहित अन्य पूजा स्थलों का अधिकारियों के साथ ताबड़तोड़ निरीक्षण किया. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और प्रकाश विभाग के अधिकारियों और सभी संभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि छठ महापर्व के दौरान व्रतधारियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो. इस बात का ध्यान रखें कि पूजा स्थलों, घाटों और तालाबों के आस-पास की सफाई व्यवस्था उत्तम रहे. महापौर ने सभी पूजा स्थलों और पहुंच मार्गों पर प्रकाश की उत्तम व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये.