Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में जबलपुर (Jabalpur) जिले के अनेक किसान सेटेलाइट (Satellite) द्वारा धोखा दिए जाने के कारण परेशान घूम रहे हैं. उन्होंने खेत में बोया तो धान था, लेकिन सेटेलाइट कोई और फसल बता रहा है. इस वजह से उन्हें समर्थन मूल्य (IMSP) पर धान बेचने (MP Paddy Procurement) के लिए स्लॉट नहीं मिल रहा है. इसकी जब शिकायत हुई तो मामले का पता लगाने कलेक्टर (Jabalpur collector) सौरभ कुमार सुमन मौका मुआयना करने खेत-खेत घूमे. दरअसल, जिला प्रशासन को कई दिनों से किसान शिकायत कर रहे थे कि उन्होंने अपने खेत में धान बोई थी, लेकिन सेटेलाइट वेरिफिकेशन में उनके खेत में कोई और फसल दिख रही है. इसकी वजह से उन्हें सरकार को समर्थन मूल्य पर धान बेचने में परेशानी आ रही है. 


खसरों के सत्यापन का लिया जायजा
कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन आज मंगलवार की सुबह तेवर ग्राम पहुंचे और सेटेलाइट सर्वे में गैर धान क्षेत्र बताये गये खसरों के सत्यापन कार्य का जायजा लिया. अधीक्षक भू-अभिलेख के अनुसार तेवर ग्राम में सर्वाधिक 163 खसरों को सैटेलाइट सर्वे के सत्यापन में गैर धान क्षेत्र बताया गया था. वहीं राजस्व विभाग के अमले द्वारा किये गये सत्यापन में इसे धान का क्षेत्र पाया गया था. आज जब फिर से सत्यापन किया गया तो पूर्व में राजस्व अमले के सत्यापन को सही पाया गया.


राजस्व अधिकारियों को दिए ये निर्देश
कलेक्टर सुमन ने तेवर के बाद पनागर पहुंचकर भी सेटेलाइट सर्वे में गैर धान क्षेत्र बताए गये खसरों का निरीक्षण किया. उन्होंने राजस्व अधिकारियों को ऐसे सभी खसरों का दो दिन के भीतर अंतिम तौर पर सत्यापन का कार्य पूरा कर लेने के निर्देश दिये हैं, ताकि धान उत्पादक किसानों की कठिनाइयों को जल्द दूर किया जा सके. उन्होंने कहा कि यदि किसी मामले में पूर्व में हुए सत्यापन में गड़बड़ी पाई जाती है तो इसके लिए जिम्मेदारी तय हो और कार्यवाही भी की जाये. 


वहीं जानकारों का कहना है कि जिले में एक ही नाम के कई गांव होने के कारण इस तरह की गलती हो रही है. इस मौके पर एसडीएम जबलपुर पी के सेनगुप्ता, जिला आपूर्ति नियंत्रक कमलेश तांडेकर, अधीक्षक भू-अभिलेख ललित गवालवंशी और तहसीलदार गोरखपुर अनूप श्रीवास्तव भी मौजूद थे.


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