Jabalpur News: जबलपुर में मंदिर ट्रस्ट की 250 करोड़ से ज्यादा की जमीन भूमाफिया से छुड़ाई गई, जानिए क्या है पूरा मामला
Jabalpur News: एसडीएम आधारताल और पंजीयक लोक न्यास ने महादेव मंदिर ट्रस्ट की इस भूमि को अहस्तारणीय घोषित कर दिया है और इसे खसरे में दर्ज करने के आदेश भी दिये हैं.
Jabalpur News: जबलपुर शहर के एक प्राचीन मंदिर ट्रस्ट की 250 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत की जमीन प्रशासन ने भूमाफिया के चंगुल से छुड़ा ली है. संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने की शिकायतों की जांच के बाद महादेव मंदिर ट्रस्ट शांतिनगर, जबलपुर का प्रबंधन भी शासन ने अपने हाथ में लिया है. इस बारे में एसडीएम आधारताल एवं पंजीयन लोक न्यास नम: शिवाय अरजरिया द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है. महादेव मंदिर ट्रस्ट मंदिर ट्रस्ट की बंधैया मोहल्ला शांतिनगर में 16 एकड़ एवं पनागर तहसील के ग्राम निमौरा में करीब 7 एकड़ भूमि है. इनमें से अकेले बंधैया मोहल्ला शांति नगर की भूमि की अनुमानित कीमत करीब 250 करोड़ रुपये बताई गई है.
क्या था मामला
एसडीएम आधारताल एवं पंजीयक लोक न्यास ने महादेव मंदिर ट्रस्ट की इस भूमि को अहस्तारणीय घोषित कर दिया है और इसे खसरे में दर्ज करने के आदेश भी दिये हैं. महादेव मंदिर ट्रस्ट की भूमि को खुर्द-बुर्द किये जाने की शिकायतें कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से की गई थी. शर्मा ने इन शिकायतों की जांच के लिए एसडीएम आधारताल नम: शिवाय अरजरिया के नेतृत्व में तीन सदस्यों की टीम गठित कर दी थी. साथ ही समिति को ट्रस्ट की संपत्ति की जांच कर उचित कार्यवाही के निर्देश दिये थे. तीन सदस्यों की इस समिति में एसडीएम के साथ जिला पंजीयक एवं जिला कोषालय अधिकारी को भी शामिल किया गया था.
प्रबंधन में लापरवाही
एसडीएम आधारताल एवं पंजीयक लोक न्यास नम: शिवाय अरजरिया ने बताया कि जांच में पाया गया कि वर्ष 1958 में पब्लिक ट्रस्ट के रूप में दर्ज महादेव मंदिर ट्रस्ट द्वारा धारित संपत्तियों के प्रबंधन में लापरवाही बरती जा रही है. उन्होंने बताया कि ट्रस्टियों द्वारा मंदिर की बेशकीमती भूमि के दुर्व्ययन के प्रयासों के तहत महादेव मंदिर के यूको बैंक के खाते में भूमाफिया हामिद हसन निवासी दक्षिण मिलौनीगंज से 2019 में अलग-अलग तिथियों 22 अप्रैल, 27 जून, एक जुलाई एवं चार जुलाई को कुल 92 लाख रुपये की राशि प्राप्त की गई थी. जबकि लोकन्यास अधिनियम के तहत 5 हजार रुपये से अधिक की कोई भी राशि रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट की अनुमति के बगैर प्राप्त नहीं की जा सकती.
भूमाफिया को बेची जा रही थी
अरजरिया ने बताया कि मंदिर की भूमि के खुर्द-बुर्द करने के अलावा ट्रस्ट की गतिविधियों की जांच में और भी कई अनियमितता पाई गई. इनमें पूर्व न्यासियों की मृत्यु होने के बाद भी नये न्यासियों के नाम नहीं दर्ज करने, ट्रस्टी पन्नालाल प्रजापति की मृत्यु के बाद उनके पुत्रों दिनेश कुमार प्रजापति एवं रामकुमार प्रजापति का नाम बिना रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट की अनुमति से जोड़ने की अनियमितता सामने आई. बता दें कि महादेव मंदिर ट्रस्ट की जमीन भूमाफिया हामिद हसन को बेची जा रही थी. पिछले दिनों हामिद हसन के सरकारी जमीन पर किये गए कब्जे को भी हटाया गया था. हामिद हसन का बेटा भी एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में जेल में बंद है.
एसडीएम आधारताल एवं रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट अरजरिया ने बताया कि महादेव मंदिर ट्रस्ट का प्रबंधन शासन द्वारा संभालने का आदेश लोकन्याय अधिनियम 1951 एवं न्याय नियम 1962 के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि महादेव मंदिर ट्रस्ट का संचालन के लिए तहसीलदार आधारताल राजेश सिंह की अध्यक्षता में समिति का गठन भी किया गया है. यह समिति ट्रस्ट की भूमि को प्रतिवर्ष सिकमी पर देगी तथा आय-व्यय का संधारण भी करेगी. अरजरिया ने बताया कि महादेव मंदिर ट्रस्ट की भूमि को खुर्द-बुर्द किये जाने से रोकने के लिए तहसीलदार आधारताल को खसरे में इसे अहस्तांरणीय दर्ज करने के निर्देश भी दिये गये हैं. उन्होंने बताया कि तहसीलदार आधारताल को प्रधान आयकर आयुक्त को महादेव मंदिर ट्रस्ट को हामिद हसन द्वारा दी गई 92 लाख रुपये की राशि के बारे में जांच करने के संबंध में पत्र भेजने भी कहा गया है. इसी प्रकार महादेव मंदिर ट्रस्ट के गठन का उद्देश्य विफल होने पर जिला न्यायाधीश को मार्गदर्शन देने का पत्र भी लिखा जा रहा है.
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