Jabalpur: 'नहीं चाहिए मेडिकल कॉलेजों में प्रशासक', डॉक्टरों ने सरकार के फैसले का किया विरोध, उठाई ये मांग
जबलपुर समेत सभी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर नारेबाजी की. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि फैसला वापस नहीं होने पर आगामी दिनों अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा सकती है.
MP News: मध्य प्रदेश में 13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर एक सरकारी फैसले से नाराज हैं. उन्होंने आज मंगलवार को सामूहिक रूप से विरोध जताया. प्रदेश सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक नियुक्तियां करने जा रही है. सरकार के फैसले से डॉक्टर आक्रोश में हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश शासन ने मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति से जुड़ा नीतिगत निर्णय लिया है.
सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक नियुक्ति के विरोध में डॉक्टर आज सड़कों पर देखे गए. जबलपुर समेत सभी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर नारेबाजी की. विरोध प्रदर्शन मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले किया गया. डॉक्टरों के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक नियुक्ति करना उचित नहीं है.
मेडिकल कॉलेजों में नहीं चाहिए प्रशासक की नियुक्ति
उनका मानना है कि एक प्रशासक चिकित्सकीय कार्यशैली को नहीं समझेगा और डॉक्टरों के काम करने में भी परेशानी पैदा हो सकती है. उनकी मांग है कि सरकार आईएएस या आईपीएस की तर्ज पर आईएमएस (इंडियन मेडिकल सर्विस) कैडर बनाकर एमबीबीएस डॉक्टरों को प्रशासनिक पद पर आसीन करा सकती है. डॉक्टरों को ब्यूरोक्रेसी मेडिकल कॉलेजों में बर्दाश्त नहीं है.
फिलहाल सांकेतिक हड़ताल करते हुए सभी डॉक्टर ने विरोध दर्ज कराया है और चेतावनी दी है कि फैसला वापस नहीं होने पर आगामी दिनों अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा सकती है. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सुबह दो घंटे तक डीन ऑफिस के सामने धरने पर बैठे.
डॉक्टरों के सांकेतिक हड़ताल का असर OPD सेवा पर
डॉक्टरों के सांकेतिक हड़ताल का असर ओपीडी सेवा पर पड़ा. दो घंटे के लिए ओपीडी सेवा बाधित रही. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ गीता गुईन ने कहा कि टीचर एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में आशंका जाहिर की गई है कि सभी मेडिकल कॉलेजों में सरकार प्रशासक की नियुक्ति करने जा रही है. नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव विधानसभा के अगले सत्र में सरकार लाने वाली है. सरकार को चाहिए कि नीतिगण निर्णय लेने से पहले डॉक्टरों का पक्ष भी सुने.