MP News: लोगों की कमी से जूझ रही जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति ने बयां किया दर्द, कहा- जरूरत AK 47 की, चला रहे 12 बोर की बंदूक
Jabalpur News: कुलपति के कहने का आशय है कि विश्वविद्यालय को आधारभूत ढांचा बिल्डिंग के रूप में दे दिया गया लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते पूरी गति के साथ काम नहीं कर पा रहा है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की इकलौती मेडिकल यूनिवर्सिटी (Jabalpur Medical University) का बेहद बुरा हाल है, तभी तो यहां के कुलपति दुखी होकर कहते है कि,"हमें AK 47 की जरूरत है और हम 12 बोर की बंदूक में तेल डाल-डालकर काम चला रहे हैं." जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अशोक खण्डेलवाल बताते हैं कि सिर्फ 20 नियमित कर्मचारियों के भरोसे इतना बड़ा विश्वविद्यालय चल रहा है जबकि जरूरत 200 से अधिक कर्मचारियों की है. विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी एमबीबीएस (MBBS) के साथ नर्सिंग और पैरा मेडिकल कोर्स (Para Medical Course) के एक लाख छात्रों की है.
कर्मचारियों की भारी कमी
यह हकीकत है कि मध्य प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था वेंटिलेटर पर चल रही है. अभी तक तो मेडिकल छात्रों को ही व्यथित और परेशान देखा गया था, लेकिन अब तो यहां के कुलपति भी परेशान हो गए हैं. बात सुनने में अजीब जरूर लगेगी लेकिन मध्य प्रदेश की इकलौती मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अशोक खंडेलवाल कर्मचारियों की कमी का दुखड़ा रो रहे हैं. आए दिन मेडिकल पाठ्यक्रम के रिजल्ट समय पर घोषित न करने को लेकर छात्रों के प्रदर्शन से परेशान हो चुके कुलपति अब सीधे सरकार पर ही हमला बोल रहे हैं.
क्या कहा कुलपति ने
कुलपति डॉ अशोक खंडेलवाल ने कहा कि, फिलहाल विश्वविद्यालय को एके-47 की जरूरत है लेकिन हाल यह है कि पुरानी 12 बोर की बंदूक में तेल डाल कर काम चला रहे हैं. उनके कहने का आशय यह है कि विश्वविद्यालय को आधारभूत ढांचा बिल्डिंग के रूप में दे दिया गया लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते आज तक विश्वविद्यालय अपनी पूरी गति के साथ काम नहीं कर पा रहा है.
यहां बता दें कि एमबीबीएस, एमएस, पैरामेडिकल, होम्योपैथी समेत बीएएमएस पाठ्यक्रमों के लगभग एक लाख छात्रों का भविष्य मेडिकल यूनिवर्सिटी पर निर्भर है. इतने बड़े विश्वविद्यालय को चलाने के लिए सिर्फ 20 नियमित कर्मचारी हैं. इन्ही के भरोसे इतना बड़ा विश्वविद्यालय चल रहा है, जबकि जरूरत 200 से अधिक कर्मचारियों की है. परीक्षाओं में अंधेरगर्दी और घपले यहां के लिए आम बात हैं.