Madhya Pradesh: मिशनरी स्कूल मैनेजमेंट ने हटवाया हिन्दू बच्चे का तिलक और कलावा, बवाल के बाद मांगी माफी
MP News: तिलक हटवाए जाने की खबर जंगल में आग की तरह फैली, तो देखते ही देखते कई हिन्दू संगठन स्कूल पहुंचे और प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.
MP News: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाले हिन्दू बच्चों की आस्था और संस्कृति से खिलवाड़ का मामला सामने आया है. यहां एक बच्चे के माथे पर लगे तिलक और हाथ मे बंधे रक्षा सूत्र को स्कूल प्रबंधन द्वारा निकलवा दिया गया. इससे नाराज हिन्दू संगठनों ने जमकर हंगामा मचाया. निजी स्कूल के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा.
सेंट थॉमस स्कूल में हुआ हंगामा
जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर स्थित आमला ब्लाक मुख्यालय के सेंट थॉमस स्कूल में मंगलवार को यह हंगामा हुआ. स्कूल में एक हिन्दू बच्चे के माथे से ना सिर्फ तिलक मिटवाया गया, बल्कि उसके हाथ में बंधा हुआ कलावा (रक्षासूत्र या मौली) भी हटवा दिया गया. यह घटना जंगल में आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई. देखते ही देखते हिन्दू संगठनों ने स्कूल पहुंचकर प्रदर्शन करना प्रारंभ कर दिया. इसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.
पुलिस मौके पर पहुंची
पूरे मामले में सेंट थॉमस स्कूल के प्रिंसिपल ने उपस्थित सभी संगठनों से लिखित में माफी मांगकर भविष्य में इस तरह की घटना की पुनर्रावृत्ति नहीं होने का आश्वासन दिया, तब जाकर पूरा मामला शांत हुआ. इस मामले में आमला पुलिस थाने में पदस्थ एसआई हेमंत पांडे ने बताया कि सेंट थॉमस स्कूल में विवाद होने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी. स्कूल में प्रिंसिपल द्वारा लिखित में माफी मांग लिए जाने और भविष्य में घटना की पुनर्रावृत्ति नहीं करने के लिए दोनों पक्षों के राजी होने पर मामला दर्ज नहीं किया गया है.
हिन्दू संगठनों ने लगाया ये आरोप
भीमराव अम्बेड़कर शासकीय महाविद्यालय आमला की जनभागिदारी समिति की अध्यक्ष मुक्ता ढोलेकर ने बताया कि इस मामले में तमाम हिन्दू संगठनों ने तहसीलदार को ज्ञापन भी सौंपा है. हिन्दू संगठनों का आरोप है कि वार्ड क्रमांक 1 स्थित सेंट थामस मिशन हायर सेकेण्ड्री स्कूल, आमला में अध्ययन करने वाले बच्चें यदि तिलक लगाकर स्कूल जाते हैं तो उन्हे प्रताडि़त किया जाता है. उनका तिलक मिटा दिया जाता है. नाम लिखकर उन पर निगाह रखी जाती है. साथ ही जो बच्चें हाथ में कलावा (धागा) बांध कर जाते हैं, उनके हाथ से धागे कटवा दिया जाता है. स्कूल में कई दिन से ऐसा चल रहा था. बच्चें अपने परिजनों को बता रहे थे तो परिजन भी नाराज थे.
पुलिस ने सुलझाया विवाद
हिन्दू संगठन के पदाधिकारी इस मामले की जानकारी लगने पर स्कूल पंहुचे और प्रिंसिपल से इस विषय में चर्चा कर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. मुक्ता ढोलेकर ने कहा कि यह गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए. मौके पर पंहुची पुलिस ने विवाद को सुलझाया, जिसके बाद सभी संगठनों ने तहसीलदार लवीना घाघरे को ज्ञापन सौंपकर स्कूल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की.
परिजनों के तीखे विरोध के बाद स्कूल की प्रिंसिपल जीनू प्रकाश ने माफी मांगी और कहा कि, "हमारे स्कूल में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है. कोई शिक्षक बच्चों को रोकता है तो मेरी यह मेरी जिम्मेदारी होगी. टीका-रक्षासूत्र आदि बांधना शाला के द्वारा प्रतिबंधित किया गया था. इसकी गलती मैं स्वीकार करते हुए वादा करती हूं कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनर्रावृतित नहीं होगी. इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं."
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