Jabalpur Fraud: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक बार फिर सरकारी धान गायब होने का मामला सामने आया है. इस मामले में गुजरात की एक कंपनी के सीईओ के खिलाफ मप्र वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक एसआर निमोदा की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. गायब हुई धान की अनुमानित कीमत करीब ढाई करोड़ रुपए है.
बताया गया है कि सरकारी धान को ओपन कैप में भंडारित करने के नाम पर करीब ढाई करोड़ की धान खुर्द-बुर्द कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाए जाने की शिकायत पर गोसलपुर थाने में गो ग्रीन वेयर हाउस सीईओ संतोष साहू व अन्य के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है. मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक एसआर निमोदा द्वारा थाने में दी गयी शिकायत में बताया गया कि वर्ष 2021-22 में जिले के ओपन कैप धान भंडारण के लिए मेसर्स गो ग्रीन वेयर हाउस प्राइवेट लिमिटेड ने मप्र वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक अनुबंध वेयर हाउस सीईओ संतोष साहू द्वारा किया गया था.
क्या है पूरा मामला?
अनुबंध के तहत गोसलपुर हृदयनगर स्थित वेयर हाउस के ओपन कैप में 14 दिसम्बर 2021 को धान का भंडारण शुरू किया गया.19 अक्टूबर 2023 की स्थिति में ओपन कैप में कुल 7390.560 मीट्रिक टन धान का भंडारण हुआ,जिसमें से 5916.424 मीट्रिक टन धान की निकासी हुई.बाकी की 1474.136 ओपन कैप में रखी गयी थी.
मप्र वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक एसआर निमोदा के अनुसार इसमें से दो प्रतिशत मान्य कमी को छोड़कर गोदाम में 2 करोड़ 57 लाख 30 हजार 705 रुपए कीमत की (1326.325 मीट्रिक टन) धान होनी थी.लेकिन ओपन कैप में धान नहीं मिली. इसकी जांच किए जाने पर वेयर हाउस सीईओ और उनके साथियों द्वारा धान को खुर्द-बुर्द करने की बात सामने आई है. शिकायत
के आधार पर पुलिस ने सीईओ और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
यहां बताते चलें कि सरकारी धान की देखरेख करने वाली गुजरात की कंपनी के खिलाफ पूर्व में बालाघाट और जबलपुर में धान के स्टॉक में गोलमाल की एफआईआर दर्ज की गई थी. पूर्व में अहमदाबाद की गो ग्रीन कंपनी पर जबलपुर में 17 करोड़ की धान खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगा था. मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन की ओर से कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा गई थी. वैसे, इस कम्पनी पर प्रदेश भर में कुल 132 करोड़ की धान को गोलमाल करने का आरोप है.
दरअसल, जबलपुर वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन ने धान को रखने के लिए जिले में 7 ओपन कैप बनवाए है. इनमें हृदयपुर, बरखेड़ा, भरतपुर, बंदरकोला, तिलसनी, बीजापुरी और दर्शनी शामिल थे.इन ओपन कैप में कांक्रीट के प्लेटफॉर्म बनाए और उनके ऊपर धान को बोरों में भरकर रखा गया था.इन्हें ऊपर से तिरपाल से ढांक दिया गया था, जो लापरवाही के कारण फट गया. ओपन कैप में रखी धान को जब उठाने की बारी आई तो पता चला कि लगभग 8475.728 मीट्रिक टन धान गायब है. कम हुई धान की कीमत लगभग 17 करोड़ रुपए है. इसकी देखरेख की जिम्मेदारी गो ग्रीन कंपनी की थी.
ये भी पढ़ें: