Jabalpur News: जबलपुर में जल्द ही सीएनजी का उत्पादन शुरू होगा और नगर निगम के वाहन इससे चलेंगे. इससे दो फायदे होने वाले है. पहला शहर से निकलने वाली नर्मदा नदी में प्रदूषण कम होगा,वहीं नगर निगम के वाहन खर्च में कमी भी आएगी. मध्यप्रदेश सरकार जबलपुर में दुग्ध संघ और नगर निगम के सहयोग से गोबर गैस से सीएनजी उत्पादन का प्लांट लगाएगी. इससे जबलपुर के नर्मदा मे मिलने वाले प्रदूषण को भी रोका जा सकेगा और नगर निगम के वाहन में भी इस सीएनजी के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण भी होगा और पेट्रोल-डीजल का खर्च भी कम हो सकेगा.


सीएम शिवराज ने भी दिया था निर्देश
जबलपुर और आसपास के इलाकों में गौवंश के गोबर को कई जगह नर्मदा नदी में बहाए जाने की शिकायत आई थी. इसके बाद एनजीटी ने राज्य सरकार और नगर निगम जबलपुर को निर्देशित किया था कि नर्मदा में मिल रहे प्रदूषण को रोका जाए और गाय-भैस के गोबर का उपयोग कर अन्य काम किए जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देशित किया था कि जबलपुर में गोबर गैस से सीनएनजी उत्पादन का प्लांट लगाया जाए. 


गोबर इकट्ठा कर नगर निगम पहुंचाएगा
पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया का कहना है कि इसके लिए दुग्ध संघ और नगर निगम संयुक्त रूप से काम करेंगे. नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड इस यूनिट के लिए निवेश उपलब्ध कराएगा. इस प्लांट के जबलपुर में लगाने के लिए जमीन चिन्हित की जा रही है. शहर की सभी निजी डेयरी और पशुपालकों से गोबर एकत्रित कर इस प्लांट में लाया जाएगा. आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो से भी गोबर एकत्रित कर नगर निगम इस सीएनजी उत्पादन संयंत्र तक पहुंचाएगा.


उपयोग नगर निगम वाहनों के संचालन में
सचिव ने बताया, इससे जो सीएनजी गैस बनेगी उसका उपयोग नगर निगम के वाहनों के संचालन में किया जाएगा. वाहनों के सीएनजी से संचालित होने पर नगर निगम का वाहन संचालन पर होने वाला खर्च भी कम होगा. इसके अलावा यहां गोबर गैस प्लांट में बनने वाले गोबर गैस खाद को किसानों को खेतों में उपयोग के लिए बेचा जाएगा. इससे भी आमदनी होगी.वहीं शहरों में डेयरियों और पशुपालकों के जरिए हो रहे प्रदूषण को भी रोका जा सकेगा.


हरे चारे के बनेंगे ब्लॉक
प्रदेश के पशुपालकों को हर समय ताजा हरा चारा मिले इसके लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार की एक योजना को मध्यप्रदेश में भी लागू करने का निर्णय लिया है. इस योजना में मक्का, ज्वार, बाजरा और हरे घास के ब्लॉक बनाए जाएंगे. मशीनों के जरिए इन्हें प्लास्टिक के बैग में एयरटाईट पैक किया जाएगा. इन्हें तैयार करने के लिए मशीनें लगाई जाएंगी. मशीने खरीदनें के लिए बेरोजगारों को पचास फीसदी सबसिडी भी उपलब्ध कराई जाएगी.


पशुपालकों को हरा चारा मिलेगा
इस हरे चारे से तैयार ब्लॉक को कभी भी एक तरफ से खोलकर उसमें गुड़ मिलाकर और ट्रीटमेंट कर पशुओं को खिलाया जा सकेगा. पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया का कहना है कि इस योजना से प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिल सकेगा. वहीं पशुपालकों को ताजा हरा चारा हर समय रियायती दरों पर मिल सकेगा. इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जाएगा. फिलहाल आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में इस मॉडल पर काम हो रहा है. अब मध्यप्रदेश में भी इसे लागू किया जाएगा.


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