Jabalpur News: संगमरमरी चट्टानें और जलप्रपात मोह लेगा आपका मन, पिकनिक के लिए बेहतरीन जगहों में से एक है ये जगह
भेड़ाघाट की खासियत नर्मदा नदी के दोनों तटों पर संगमरमर की सौ फुट तक ऊंची चट्टानें हैं. संगमरमर के लगभग दो किलोमीटर लंबे चट्टानों के आकार की अनूठी विविधा मनोहारी रंगों की कोमल छटा देखते ही बनती है.
Jabalpur News: नए साल का पहले दिन लोगों में अलग ही जोश और ऊर्जा देखने को मिली. शहर और आसपास के पर्यटन स्थलों में सुबह से लोग नए साल की खुशियां समेटने पहुंच गए थे. भेड़ाघाट और धुआंधार का खूबसूरत नजारा देखने शहर के साथ देश के कई कोनों से पर्यटक पहुंचे थे. यहां मेला जैसा माहौल था. जबलपुर के भेड़ाघाट और धुआंधार की प्राकृतिक खूबसूरती देखते ही बनती है. यहां पवित्र नर्मदा के धुंआधार जल प्रपात में जब पानी के छोटे छोटे कण रूप धुआं बनकर उड़ते हैं तो जो दृश्य बनता है वो सबका मन मोह लेता है. बस यही देखने साल 2022 के पहले ही दिन लोग सपरिवार भेड़ाघाट पहुंच गए. लोगों ने नर्मदा स्नान किया, सेल्फी ली, खूबसूरत नजारे कैमरे में कैद किये. पिकनिक मनाने वाले भी बड़ी तादाद में आये थे.
महात्मा गांधी ने भी की थी तारीफ
उत्तराखंड के हल्द्वानी से आये ललित मोहन उपाध्याय मां नर्मदा के वैभव के इस कदर कायल हुए कि उन्हें असली देवभूमि यहां जबलपुर में नजर आयी. वहीं हल्द्वानी की पूजा जोशी भी धुआंधार और भेड़ाघाट की खूबसूरती की कायल हो गईं. उन्होंने कहा कि ऐसा अनुपम स्थान उन्होंने आज तक नहीं देखा. भेड़ाघाट' ऐसा आकर्षक पर्यटन स्थल है जो अपनी ऊंची-ऊंची चट्टानों और झीलों के लिए जाना जाता है. भेड़ाघाट का वातावरण बेहद शांत रहता है. बताते है कि एक बार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 'जब इस जगह का दौरा किया तब उन्होंने कहा था कि जितनी शांति यहां है, वैसी अगर दुनिया में हो जाए तो क्या कहना.
संगमरमर चट्टानों का दिव्य स्वरुप
भेड़ाघाट की खासियत नर्मदा नदी के दोनों तटों पर संगमरमर की सौ फुट तक ऊंची चट्टानें हैं. संगमरमर के लगभग दो किलोमीटर लंबे चट्टानों के आकार की अनूठी विविधा और विभिन्न मनोहारी रंगों की कोमल छटा देखते ही बनती है. सूरज की रोशनी इन सफेद और मटमैले रंग के संगमरमर चट्टानों पर पड़ती है तो नदी में बनने वाला इसका प्रतिबिंब अद्भुत होता है. इसके अलावा भेड़ाघाट और यहां के संगमरमर चट्टान की खूबसूतरी उस समय चरम पर होती है जब चांद की रोशनी चट्टान और नदी पर एक साथ पड़ती है. इन संगमरमरी चट्टानों पर तेज प्रवाह से गिरता नर्मदा नदी का जल पर्यटकों को हमेशा ही आकर्षित करता है.
प्रसिद्ध जल प्रपात भी है
आजादी से पहले भारतीय यात्री कैप्टन जे. फोरसाइथ ने अपनी पुस्तक 'हाइलैंड्स ऑफ सेंट्रल इंडिया' में मध्य भारत की आकृतियों और प्राकृतिक सुंदरता के बारे में बहुत कुछ लिखा है. तब वह भेड़ाघाट की खूबसूरत चट्टानों की व्याख्या करने से खुद को रोक नहीं पाते थे. यहां से कुछ ही दूरी पर 'धुआंधार' नामक प्रसिद्ध जल प्रपात भी है. यहां पवित्र नदी नर्मदा कुछ फीट नीचे गड्ढे में गिरती है और फुहारों के साथ ऊपर उछलती है. यह नजारा विश्व में बहुत ही कम जगह देखने को मिलता है.
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