Jabalpur News: मध्यप्रदेश में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट बनकर तैयार है.ओंकारेश्वर बांध में फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट में पानी के ऊपर सोलर पैनल बनाकर सूरज से बिजली बनाई जाएगी.यह बहुउद्देश्यीय परियोजना पर्यावरण को बचाने का भी काम करेगी.


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि ओंकारेश्वर जलाशय पर 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना वर्तमान परिदृश्य में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है.इसे एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जा रही हैं, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग का भी बेहतरीन समन्वय होगा.इससे भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति भी संभव होगी. उपरोक्त परियोजनाएं प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के साथ नवकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी.


सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय मध्य प्रदेश पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा किया जाएगा.राज्य की जरूरतों के बाद बची हुई बिजली का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जा सकेगा.


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ग्लासगो में आयोजित कॉप 26 सम्मेलन में देश के लिए वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (पांच लाख मेगावाट) की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है.इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मध्य प्रदेश में वर्तमान में कुल 2380 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हैं और लगभग 5000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापनाधीन हैं.


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