Jabalpur News: रिश्वतखोरी के एक मामले से जबलपुर (Jabalpur) के पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. यहां कमिश्नर कार्यालय में एक बाबू को 65 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है. लोकायुक्त पुलिस ने एक किसान की शिकायत पर यह ट्रैप प्लान तैयार किया था.बाबू कमिश्नर कोर्ट में दर्ज अपील प्रकरण में मन मुताबिक फैसला दिलवाने की एवज में किसान से रिश्वत मांग रहा था.
लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झारवड़े ने बताया कि सिवनी जिले की छपारा तहसील के किसान टीकाराम चंद्रवंशी ने लोकायुक्त में कमिश्नर कार्यालय के सरकारी बाबू द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत की गई थी. क्लर्क चन्द्रकुमार दीक्षित को लोकायुक्त पुलिस ने किसान टीकाराम चंद्रवंशी से 65 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ लिया. उसने किसान से रिश्वत की रकम से अपने कार्यालय की टेबल में बने दराज (ड्रार ) में रखवाई थी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शिकायतकर्ता किसान टीकाराम चंद्रवंशी सिवनी जिले के छपरा तहसील में ग्राम पायली खुर्द के रहने वाले हैं. यहां उनके पिता की 7 हेक्टेयर जमीन बंदोबस्त के रिकॉर्ड में किसी और के नाम पर दर्ज हो गई थी. इसकी अपील प्रकरण जबलपुर में अतिरिक्त कमीशन न्यायालय में विचाराधीन है. पिछली पेशी के दौरान कमिश्नर कार्यालय के बाबू चन्द्र कुमार दीक्षित ने अपील का प्रकरण उनके पक्ष में करने के लिए 65 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी. इसकी शिकायत टीकाराम चंद्रवंशी ने जबलपुर में लोकायुक्त एसपी से की.
लोकायुक्त की टीम ने कमिश्नर कार्यालय में दीक्षित बाबू को धर दबोचा. यह खबर जैसे ही जिले के प्रशासनिक अमले तक खबर पहुंची तो हड़कंप मच गया. बताया जाता है कि ट्रेप के बाद जबलपुर के कमिश्नर बी चंद्रशेखर सहित कई आला प्रशासनिक अधिकारी सर्किट हाउस में लोकायुक्त एसपी के साथ इस मामले की जानकारी ले रहे थे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते प्रशासनिक अमला अब अपनी नाक बचाने में जुटा हुआ है. यहां बता दें कि गणतंत्र दिवस का महापर्व मनाने के लिए शिवराज सिंह 25 जनवरी को 2 दिनों के लिए जबलपुर आ रहे हैं. इस दौरान रिश्वतखोरी का यह मामला अधिकारियों के लिए मुख्यमंत्री की नाराजगी की वजह भी बन सकता है.
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