Jabalpur News: कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए जबलपुर संभाग में कैसी है तैयारी, जानिए डॉक्टर की जुबानी
Jabalpur News: कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए मध्यप्रदेश की महाराष्ट्र से लगी सीमा पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. विशेषकर खवासा बॉर्डर पर स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें तैनात की गई हैं.
Jabalpur News: कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए मध्यप्रदेश की महाराष्ट्र से लगी सीमा पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. विशेषकर जबलपुर संभाग के सिवनी जिले में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच खवासा बॉर्डर पर स्वास्थ्य विभाग की तैनात दो विशेष टीमें आने-जाने वाले लोगों की विशेष स्क्रीनिंग कर रही है. यही व्यवस्था जबलपुर और आसपास के पर्यटन स्थलों में आने वाले पर्यटकों पर नजर रखने के लिहाज से की गई है. जांच में कोरोना पॉजिटिव आने वाले लोगों की जीनोम सिक्वेंसिंग भी की जा रही है.
जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक डॉ संजय मिश्रा ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि अफ्रीका में कोरोना के नए वेरिएंट ने चिंता जरूर बढ़ाई है लेकिन सरकार ने तीसरी लहर के लिए पहले से तैयारी कर ली है. जबलपुर संभाग के सभी 8 जिलों में 24 ऑक्सीजन सेपरेशन प्लांट चालू कर दिए गए हैं. जिला मुख्यालय के साथ ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादा आबादी वाले स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऑक्सीजन सेपरेशन प्लांट लगाए गए हैं. इसके साथ ही आईसीयू और ऑक्सीजन बेड की संख्या भी बढ़ाई गई है. जबलपुर संभाग में जिला अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 6895 बेड हैं जिनमें से 2914 बेड कोविड-19 के लिए रिज़र्व हैं. 1100 आईसीयू बेड के साथ 3704 ऑक्सीजन बेड हैं. इसमें डायरेक्ट ऑक्सीजन की सप्लाई की सुविधा उपलब्ध है. छोटे और बड़े सिलेंडर वाले बेड 2526 हैं. आकस्मिक स्थिति में बेड की संख्या 10 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है. इसी तरह आवश्यक दवाइयों का स्टॉक भी सभी अस्पतालों में कर लिया गया है.
डॉ मिश्रा के मुताबिक अभी पूरे जबलपुर संभाग में हालात नियंत्रण में हैं. कोरोना के आनेवाले मामलों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली भेजे जा रहे हैं. जबलपुर के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात है. विदेश से आने वाले यात्रियों का डाटा खास तौर पर एयरपोर्ट प्रबंधन से लेकर आरटीपीसीआर टेस्ट करवाये जा रहे हैं.
जबलपुर से लगी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में बड़ी तादाद में पर्यटक आ रहे हैं. कान्हा,बांधवगढ़ और पेंच नेशनल पार्क में भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेष टीम की तैनाती कर कोरोना की स्क्रीनिंग की जा है. डॉ मिश्रा के मुताबिक ज्यादा खतरा महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों या पर्यटकों से है क्योंकि वहां विदेश से आने वाले लोगों की तादाद ज्यादा होती है. इसलिये महाराष्ट्र बॉर्डर पर स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस और प्रशासन की टीम भी विशेष सतर्कता रख रही रही है.
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