Jabalpur News: मलेरिया, डेंगू, डायरिया जैसी बारिश में होने वाली बीमारियों से कैसे बचें? पढ़ें डॉक्टर की सलाह
Health News: बारिश में मच्छर-मक्खियों के कारण कई तरह की बीमारियां लोगों को गिरफ्त में ले लेती हैं. इनसे बचाव के लिए जबलपुर के एक्सपर्ट डॉक्टर कुछ जरूरी सलाह बता रहे हैं.
MP News: मॉनसून निकट है. इस दौरान बरसात में मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. बारिश में बड़े पैमाने पर मच्छर-मक्खी (Vector Borne) से फैलने वाली बीमारियों मलेरिया (Malaria),डेंगू (Dengue), डायरिया (Diarrhoea) और हैपेटाइटिस-ए (Hepatitis-A) का प्रकोप होने लगता है. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के स्कूल ऑफ एक्सलेन्स इन पल्मोनरी मेडिसिन के डायरेक्टर डॉक्टर जितेन्द्र भार्गव इन बीमारियों से बचाव के उपाय बताए हैं.
डॉ. भार्गव के मुताबिक कुछ छोटे-छोटे उपाय करके इन जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है. लोगों को चाहिए कि इनसे बचने के लिए अपने घर और आस-पड़ोस में पानी का जमाव न होने दें. कूलर, पुराने टायर, गमले आदि में पानी न जमा होने दें. छतों पर पानी की निकासी सुगम बनाए रखें. जमे हुए पानी में ही मच्छर अधिक पनपते हैं.
पानी की टंकियों की सफाई कराएं
डॉ. भार्गव के मुताबिक बारिश से पहले घर में पीने के पानी की टंकियों की सफाई अवश्य करा लेना चाहिए. अगर इनमें मच्छर के लार्वा होंगे तो वो सफाई करने पर मर जायेंगे और इनमें इनके पनपने का खतरा नहीं रहेगा. कोरोना के वक्त शुरू हुआ मास्क पहनने का चलन अगर जारी रहता है तो लोगों को अन्य मौसमी वाइरल इन्फेक्शन से भी बचाएगा. फुल पैंट और पूरी बांह की शर्ट पहनने से बेहतर सुरक्षा होगी.
डॉक्टर ने कहा कि साबुन-पानी से हाथ धोने से लोग हेपेटाइटिस (Hepatitis) और डायरिया (Diarrhoea) से भी बचे रहेगें. हेपेटाइटिस और डायरिया मुख-गुदा द्वार (faeco-Oral Route) के रास्ते फैलते हैं. इस मौसम में सभी को घर से निकलते समय पीने का पानी लेकर चलना अधिक सुरक्षित है. बाहर के खाद्य पदार्थ विशेषकर खुले में रखी हुई खाने-पीने की चीजों का सेवन न करें.
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स्वास्थ्य सामूहिक जिम्मेदारी
डॉ. भार्गव का कहना है कि स्वास्थ्य एक सामूहिक जिम्मेदारी है. बचाव ही बीमारी का सबसे बड़ा इलाज है. लोग खुद जिम्मेदार बनकर स्वयं स्वस्थ और सुरक्षित रहें और दूसरों को भी स्वस्थ और सुरक्षित रखें.
खुद से न करें इलाज
किसी भी बीमारी के लक्षण आने पर खुद से इलाज करने के बजाय प्राइमरी हेल्थ सेंटर, जिला अस्पताल या जहां सरकारी मेडिकल कॉलेज उपलब्ध हों, वहां जाकर लोग निशुल्क उपचार ले सकते हैं. जरूरत पड़ने पर अपने फैमिली डॉक्टर से भी संपर्क किया जा सकता है.
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