MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बिजली की दरें (Electricity Rates) बढ़ाने से आम लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. जबलपुर (Jabalpur) में इसके खिलाफ तमाम व्यापारिक,सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर आंदोलन शुरू कर दिया है. मोर्चा ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. संगठनों ने अब 21 अप्रैल को शहर बंद करने का ऐलान किया है.
21 अप्रैल को दुकानें रखी जाएंगी बंद
जबलपुर में संयुक्त मोर्चे ने एक बैठक करके निर्णय लिया है कि 21 अप्रैल को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक दुकानें बंद रखी जाएंगी. बैठक में संयुक्त मोर्चा के डॉ पीजी नाजपाण्डे ने बिजली के दाम बढ़ाने के मामले में सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि बिजली कंपनियां ऐसा निर्णय अपनी दम पर नहीं ले सकती हैं. कोरोना से लोग अभी पूरी तरह से उबर भी नहीं पाए हैं और बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी करके जनता को परेशान किया जा रहा है. यही कारण है कि अब संयुक्त मोर्चे द्वारा आंदोलन को तेज किया जा रहा है.
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21 अप्रैल को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक शहर बंद का आयोजन किया जा रहा है, ताकि जनता को भी पता चले कि उनके साथ विश्वासघात किया जा रहा है. मोर्चे के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार चाहती तो बिजली की दाम वृद्धि को रोक सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया और जनता पर भार डाल दिया.अब जनता कराह रही है.
डॉ. पीजी नाजपांडे ने कहा कि संयुक्त मोर्चे ने दाम बढ़ोत्तरी पर आंदोलन का निर्णय लिया था और अब यह तय किया गया है कि 14 अप्रैल को शाम 5 बजे नौदराब्रिज पर जनजागरण किया जाएगा और 17 अप्रैल को सिविक सेंटर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.बैठक में रजत भार्गव, आरएस तिवारी, टीकाराम कोष्टा, राजेन्द्र गुप्ता, मनीष शर्मा, संतोष नेमा, सुशीला कनौजिया, माया कुशवाहा, पुष्पा पटेल, प्रभात यादव, डॉ. एबी श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.
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