Jabalpur News: जबलपुर में इन दिनों मटर फूड फेस्टिवल चल रहा है. होटलों में मटर के अलग-अलग व्यंजन परोसे जा रहे हैं. जिला प्रशासन और स्मार्ट सिटी ने मिलकर मटर फूड फेस्टिवल प्रतियोगिता का आयोजन किया. इसमें शहर वासियों के साथ-साथ होटल के बावर्चियों ने भी हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में मटर की 100 से ज्यादा स्वादिष्ट व्यंजनों को सजाया गया. मटर की जलेबी, मटर की खीर, मटर की बर्फी, मटर का हलवा सहित मटर के तमाम पकवान मुंह में पानी ला रहे थे. 


डिश में 80 फीसद से ज्यादा मटर होने की शर्त 


इस प्रतियोगिता में शामिल की गई डिश में 80 फीसद से ज्यादा मटर होने की शर्त रखी गई थी. प्रतिभागियों ने मटर से बनी बर्फी, जलेबी, समोसे, केक और यहां तक कि मटर से बना श्रीखंड और हलवा बनाकर सबको चौंका दिया. इन पकवानों को चख कर शहर वासियों के मुंह से बस एक आवाज निकली की वाह क्या स्वाद है. जबलपुरी मटर की ब्राडिंग और मार्केटिंग के उद्देश्य से आज होटल कल्चुरी में सांसद राकेश सिंह की अध्यक्षता में मटर से बने व्यंजनों की जिला स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की गई. प्रतियोगिता में लगभग 135 प्रतिभागियों ने भाग लिया. मटर का मुरब्बा, मटर से बना केक, मटर की जलेबी, मटर के सेव, मटर की बर्फी जैसी कई रेसिपी इस प्रतियोगिता का प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रही. कार्यक्रम में विधायक अजय विश्नोई, विधायक अशोक रोहाणी, विधायक विनय सक्सेना, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और होटल एसोसिएशन, चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि सहित प्रतिभागी उपस्थित थे. 


सांसद राकेश सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र में मटर हमारी पहचान है. 2004-05 में सर्वाधिक मटर उत्पन्न करने का रिकार्ड छिंदवाड़ा के नाम दर्ज था. लेकिन जबलपुर में मटर का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता था, इसलिये जिले में मटर के उत्पादन को एक पहचान दिलाने के लिये एक वर्कशॉप आयोजित की गई. जिसमें देश से विशेषज्ञ आये थे, तब यह विचार हुआ कि मटर भी ग्रीन एक्सपोर्ट जोन में शामिल करना है. प्रयास निरंतर जारी रहा और मटर का रकबा बढ़ा. एक साल बाद पता चला कि जबलपुर में बड़े पैमाने पर मटर का उत्पादन हुआ. इसका प्रसंस्करण ईकाई शहपुरा क्षेत्र में स्थापित की गई और तब से यह कोशिश थी कि मटर को एक नई पहचान मिले. उन्होंने बताया कि कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की संकल्पना के अलावा प्रत्येक जिले की पहचान और ताकत के लिये एक जिला-एक उत्पाद का अभियान शुरू किया गया  जिसमें जबलपुर में मटर का चयन किया गया.


जबलपुरी मटर में रोजगार की संभावना


मटर उत्पादन की असीम संभावना है साथ ही जबलपुरी मटर स्वादिष्ट भी है जो आजीविका सृजन के क्षेत्र में एक नई पहल है और रोजगार की संभावना भी है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का एक जिला इमली की ब्राडिंग कर आर्थिक उन्नति कर सकता है, तो जबलपुर मटर से समर्थवान बन सकता है. लोगों को रोजगार मिल सकता है, स्वं सहायता समूह इससे जुड़कर आर्थिक उन्नति कर सकते हैं. उन्होंने इस मटर फूड महोत्सव के तहत आयोजित जिला स्तरीय मटर व्यंजन प्रतियोगिता के कार्यक्रम को भविष्य के लिये सुखद बताया. कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कहा कि जबलपुरी मटर के उत्पादन, ब्राडिंग व मार्केटिंग के लिये कई दिनों से प्रयासरत थे. इसकी ब्रांडिंग के लिये जबलपुर मटर का लोगो भी तैयार किया. मटर का जितना भी निर्यात किया जाता है उसमें लोगो का उपयोग किया जायेगा. जबलपुर से मटर दूसरे जिलों में ही नहीं बल्कि साउथ के राज्यों के साथ गुजरात और दिल्ली में भी जाता है. मटर अब विदेशों में भी जाता है जिसमें सिंगापुर, जापान और दुबई आदि शामिल हैं.  


जबलपुरी मटर को जनजन तक पहुंचाने और उसकी ब्रांडिंग के लिये ही आज मटर फूड फेस्टीवल और मटर से बने व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इसमें उद्यानिकी व स्मार्ट सिटी के साथ होटल एसोसिएशन को भी जोड़ा गया. साथ ही आमजन, होटल एसोसिऐशन और मटर के अलग-अलग रेसिपी बनाने वालों को भी शामिल किया गया. मटर महोत्सव को लोकल फॉर वोकल की थीम पर किया गया. मालूम हो कि एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत जबलपुर जिले के लिए मटर का चयन किया गया है. प्रतियोगिता जबलपुरी मटर के प्रमोशन और मटर से बनने वाले कई प्रकार के व्यंजनों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के मकसद से आयोजित की गई. सीईओ स्मार्ट सिटी निधि सिंह राजपूत के अनुसार मटर व्यंजन प्रतियोगिता चार श्रेणी में हुई. इन श्रेणियों में मटर से बने स्नैक्स, मटर से बनी मिठाइयां, मटर की सब्जी और मटर की चटनी एवं सूप आदि शामिल थे. प्रत्येक श्रेणी में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आये प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र तथा पांच-पांच प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार दिये गये. मटर महोत्सव में 130 से ज्यादा मटर के व्यंजनों का प्रदर्शन किया गया. 


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