MP News: जबलपुर के समीप लगे कोटावारी गांव की एक घटना इन दिनों लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई है. यहां एक खतरनाक कोबरा सांप लोगों को रोज निश्चित समय पर दर्शन देने आता है. इसे देखने के लिए कोटावारी के साथ आसपास के कई गांवों के लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.


जिस सांप को देखकर अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं, वह सांप चुपचाप कोटवारी गांव की कच्ची सड़क के किनारे आकर बैठ जाता है. इस सांप के आने और जाने का समय भी निश्चित है. सांप सुबह 10 बजे अपनी जगह से निकलकर खेत और सड़क किनारे की खाली जगह पर बैठ जाता है. वह दोपहर दो बजे तक एक ही मुद्रा में आसन जमा कर बैठा रहता है.


नाग देवता के दर्शन करते हैं लोग
कोटावारी गांव निवासी अरविंद मेहरा का कहना है कि पिछले 1 महीने से यह सांप नियमित रूप से एक ही समय पर एक ही जगह पर नजर आता है. एक खतरनाक सांप का रोजाना निश्चित समय पर यूं शांत भाव में आकर दर्शन देना लोगों की आस्था को बढ़ा रहा है. लिहाजा आसपास के गांव के लोग सैकड़ों की तादाद में इस जगह पर पहुंचते हैं और नाग देवता के दर्शन करते है. वे इसे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं.




सांप के काटने पर किया जाता था झाड़ फूंक से इलाज
अरविंद मेहरा ने बताया कि दरअसल, कोटावारी गांव से लगे एक खेत के किनारे पहले के सालों में सांप के काटने पर लोगों का झाड़ फूंक से इलाज किया जाता था. हालांकि पिछले कुछ समय से झाड़-फूंक करने वाले का दरबार नहीं लग रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जब से झाड़-फूंक का दरबार लगना बंद हो गया, तब से ही नाग देवता ने दर्शन देना शुरू कर दिया है.


ग्रामिणों के आश्चर्य का नहीं है ठिकाना
रोजाना अपने बिल से निकलकर सड़क किनारे दर्शन देने वाले सांप को देखने सैकड़ों की तादाद में लोगों की भीड़ जुट रही है. अब तो इस जगह को ग्रामीणों ने सिद्ध स्थान मानकर पूजा पाठ करना भी शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से नाग देवता रोजाना दर्शन दे रहे हैं, उसको देखते हुए वे इस जगह पर चबूतरा तक बनवाने के लिए तैयार हैं. एक खतरनाक सांप के रोजाना बिल से निकलकर एक ही जगह पर आसन जमा कर बैठने से ग्रामीणों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं हैं. 




भले ही लोग इसे अंधविश्वास का नाम दें लेकिन जिस तरह से रोजाना ग्रामीणों की भीड़ जुट रही है, और सांप के सामने पूजा-पाठ का सिलसिला शुरू हुआ है. उसे देखकर यही लगता है कि इस स्थान से नाग देवता का कोई न कोई रिश्ता जरूर है.


सर्प विशेषज्ञ बता रहे इसे स्वाभाविक प्रक्रिया 
वहीं, सर्प विशेषज्ञ मनीष कुलश्रेष्ठ इसे एक स्वाभाविक प्रक्रिया बता रहे हैं. ठंड में सांप धूप सेंकने के लिए बाहर निकलते है. यह उनकी शीत निद्रा का समय है, जिसके कारण सांप खेत के असपास पानी के समीप रहते है. धार्मिक आस्था अलग मसला है,जिसमें कोबरा को पूज्यनीय माना जाता है.


जबलपुर के कोटावारी गांव एक सांप रोज सड़क किनारे आकर बैठ जाता है. इसे देखने के लिए ग्रामिणों की भीड़ जुट रही है, और सांप के सामने पूजा-पाठ का सिलसिला शुरू हुआ है. उसे देखकर यही लगता है कि इस स्थान से नाग देवता का कोई न कोई रिश्ता जरूर है.


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