MP News: मध्यप्रदेश के दमोह (Damoh) जिले में धर्मांतरण का मुद्दा (Conversion Issue) लगातार गरमा रहा है. केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल (Prahlad Patel) ने भी दो टूक कहा है कि धर्मांतरण की वकालत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. आरोप है कि दमोह में मिशनरी संचालित बाल गृहों में धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. आधारशिला संस्थान के संचालक और मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेस के सदस्य डॉ. अजय लाल सहित 10 लोगों के खिलाफ धर्म परिवर्तन कराने की एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
'धर्म परिवर्तन की वकालत करनेवालों को बख्शा नहीं जाएगा'
दमोह केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं जलशक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल का संसदीय क्षेत्र है. दमोह जिले में लगातार सामने आ रहे धर्मांतरण के मामलों पर सियासत जारी है. सोमवार को दमोह में मीडिया से बात करते हुए मंत्री पटेल ने साफ कहा कि धर्मांतरण के खिलाफ सरकार और समाज दोनों को ताकत के साथ खड़ा होना चाहिए. दमोह के अलावा देश भर में धर्म परिवर्तन की वकालत करनेवालों को भी बख्शा नहीं जाएगा. मंत्री पटेल ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में धर्मांतरण रोकने के लिए जिला प्रशासन को खास हिदायत दी गई है. धर्मांतरण करने वाले बच्चों को पुनर्विस्थापन की भी योजना बनाई जा रही है.
धर्मांतरण कराने के आरोपी की जमानत पर फैसला सुरक्षित
धर्मांतरण कराने के आरोपी बनाए गए डॉ. अजय लाल की अग्रिम जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अजय लाल को जमानत देने का विरोध किया गया. सरकार की ओर से कहा गया कि मामला बेहद संवेदनशील है और जमानत मिलने पर आरोपी साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित कर सकता है. अजय लाल की ओर से फंसाने और निर्दोष होने की दलील दी गई.
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गौरतलब है कि 13 नवंबर को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो (Priyank Kanoongo) ने खुद दमोह में मिशनरी संचालित बाल गृहों का दौरा किया था. निरीक्षण के बाद उन्होंने आधारशिला संस्थान के संचालक और मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेस के सदस्य डॉ अजय लाल सहित 10 लोगों पर धर्मांतरण की एफआईआर दर्ज करवाई थी. मामले में अजय लाल सहित सभी आरोपी फरार हैं. इससे पहले दमोह के सत्र न्यायालय ने 17 नवंबर को डॉ. लाल को अग्रिम जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया था.